1. झोरावा गीत
जैसलमेर क्षेत्र का लोकप्रिय गीत जो पत्नी अपने पति के वियोग में गाती है।
2. सुवटिया
उत्तरी मेवाड़ में भील जाति की स्त्रियां पति -वियोग में तोते (सूए) को संबोधित करते हुए यह गीत गाती है।
3. पीपली गीत
मारवाड़ बीकानेर तथा शेखावटी क्षेत्र में वर्षा ऋतु के समय स्त्रियों द्वारा गया जाने वाला गीत है।
4. सेंजा गीत
यह एक विवाह गीत है, जो अच्छे वर की कामना हेतु महिलाओं द्वारा गया जाता है।
5. कुरजां गीत
यह लोकप्रिय गीत में कुरजां पक्षी को संबोधित करते हुए विरहणियों द्वारा अपने प्रियतम की याद में गाया जाता है, जिसमें नायिका अपने परदेश स्थित पति के लिए कुरजां को सन्देश देने का कहती है।
6. जकडि़या गीत
पीरों की प्रशंसा में गाए जाने वाले गीत जकडि़या गीत कहलाते है।
7. पपीहा गीत
पपीहा पक्षी को सम्बोधित करते हुए गया गया गीत है। जिसमें प्रेमिका अपने प्रेमी को उपवन में आकर मिलने की प्रार्थना करती है।
8. कागा गीत
कौवे का घर की छत पर आना मेहमान आने का शगुन माना जाता है। कौवे को संबोधित करके प्रेयसी अपने प्रिय के आने का शगुन मानती है और कौवे को लालच देकर उड़ने की कहती है।
9. कांगसियों
यह राजस्थान का एक लोकप्रिय श्रृंगारिक गीत है।
10. हमसीढो
भील स्त्री तथा पुरूष दोनों द्वारा सम्मिलित रूप से मांगलिक अवसरों पर गाया जाने वाला गीत है।
11. हरजस
यह भक्ति गीत है, हरजस का अर्थ है हरि का यश अर्थात हरजस भगवान राम व श्रीकृष्ण की भक्ति में गाए जाने वाले भक्ति गीत है।
12. हिचकी गीत
मेवात क्षेत्र अथवा अलवर क्षेत्र का लोकप्रिय गीत दाम्पत्य प्रेम से परिपूर्ण जिसमें प्रियतम की याद को दर्शाया जाता है।
13. जलो और जलाल
विवाह के समय वधु पक्ष की स्त्रियां जब वर की बारात का डेरा देखने आती है तब यह गीत गाती है।
14. दुप्पटा गीत
विवाह के समय दुल्हे की सालियों द्वारा गया जाने वाला गीत है।
15. कामण
कामण का अर्थ है - जादू-टोना। पति को अन्य स्त्री के जादू-टोने से बचाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्रियों द्वारा गाया जाने वाला गीत है।
16. पावणा
विवाह के पश्चात् दामाद के ससुराल जाने पर भोजन के समय अथवा भोजन के उपरान्त स्त्रियों द्वारा गया जाने वाला गीत है।
17. सिठणें
विवाह के समय स्त्रियां हंसी-मजाक के उद्देश्य से समधी और उसके अन्य सम्बन्धियों को संबोधित करते हुए गाती है।
18. मोरिया गीत
इस लोकगीत में ऐसी बालिका की व्यथा है, जिसका संबंध तो तय हो चुका है लेकिन विवाह में देरी है।
19. जीरो
जालौर क्षेत्र का लोकप्रिय गीत है। इस गीत में स्त्री अपने पति से जीरा न बोने की विनती करती है।
20. बिच्छुड़ो
हाडौती क्षेत्र का लोकप्रिय गीत जिसमें एक स्त्री जिसे बिच्छु ने काट लिया है और वह मरने वाली है, वह पति को दूसरा विवाह करने का संदेश देती है।
21. पंछीडा गीत
हाडौती तथा ढूढाड़ क्षेत्र का लोकप्रिय गीत जो त्यौहारों तथा मेलों के समय गाया जाता है।
22. रसिया गीत
रसिया होली के अवसर पर ब्रज, भरतपुर व धौलपुर क्षेत्रों के अलावा नाथद्वारा के श्रीनाथजी के मंदिर में गए जाने वाले गीत है।
23. घूमर
णगौर अथवा तीज त्यौहारों के अवसर पर स्त्रियों द्वारा घूमर नृत्य के साथ गाया जाने वाला गीत है, जिसके माध्यम से नायिका अपने प्रियतम से श्रृंगारिक साधनों की मांग करती है।
24. औल्यूं गीत
ओल्यू का मतलब 'याद आना' है।बेटी की विदाई के समयय गाया जाने वाला गीत है।
25. लांगुरिया
करौली की कैला देवी की अराधना में गाये जाने वाले भक्तिगीत लांगुरिया कहलाते है।
26. गोरबंध
गोरबंध, ऊंट के गले का आभूषण है। मारवाड़ तथा शेखावटी क्षेत्र में इस आभूषण पर गीत गाया जाता है।
27. चिरमी
चिरमी के पौधे को सम्बोधित कर बाल ग्राम वधू द्वारा अपने भाई व पिता की प्रतिक्षा के समय की मनोदशा का वर्णन है।
28. पणिहारी
इस लोकगीत में राजस्थानी स्त्री का पतिव्रता धर्म पर अटल रहना बताया गया है।
29. इडुणी
यह गीत पानी भरने जाते समय स्त्रियों द्वारा गाया जाता है। इसमें इडुणी के खो जाने का जिक्र होता है।
30. केसरिया बालम
यह एक प्रकार का विरह युक्त रजवाड़ी गीत है जिसे स्त्री विदेश गए हुए अपने पति की याद में गाती है।
31. धुडला गीत
मारवाड़ क्षेत्र का लोकप्रिय गीत है, जो स्त्रियों द्वारा घुड़ला पर्व पर गाया जाता है।
32. लावणी गीत(मोरध्वज, सेऊसंमन- प्रसिद्ध लावणियां)
लावणी से अभिप्राय बुलावे से है। नायक द्वारा नायिका को बुलाने के सन्दर्भ में लावणी गाई जाती है।
33. मूमल
जैसलमेर क्षेत्र का लोकप्रिय गीत, जिसमें लोद्रवा की राजकुमारी मूमल का सौन्दर्य वर्णन किया गया है। यह एक श्रृंगारिक गीत है।