हड़प्पा संस्कृति

हड़प्पा संस्कृतिः

1. हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा कथन असत्य है?
(A)इस संस्कृति के लोगों ने सबसे पहले कपास का उत्पादन किया था।(B)इस काल के लोगों ने लोहे के औज़ारों का उपयोग किया था।(C)इस काल के लोग तिल और सरसों का उत्पादन करते थे।(D)कालीबंगा में जुते हुए खेत के अवशेष पाए गए हैं।
Answer: (B)
व्याख्याः हड़प्पा संस्कृति के लोग पत्थर और कांसे के बने औज़ारों का उपयोग करते थे। अतः कथन (b) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।

उल्लेखनीय है कि सिंधु सभ्यता के लोग गेहूँ, जौ, राई, मटर आदि अनाज पैदा करते थे। बनावली में जौ का पुरावशेष मिला है।

सबसे पहले कपास पैदा करने का श्रेय सिंधु सभ्यता के लोगों को है। कपास का उत्पादन सबसे पहले सिंधु क्षेत्र में होने के कारण यूनान के लोग इसे सिन्डन कहने लगे थे, जो सिंधु शब्द से निकला है। इस काल के लोग तिल और सरसों का उत्पादन करते थे।

कालीबंगा में जुते हुए खेत के अवशेष पाए गए हैं।

2. हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. हड़प्पा संस्कृति नगरीय थी।
2. इसकी लिपि चित्रात्मक थी।
3. हड़प्पा  के लोगों ने मापन प्रणाली का विकास किया था।
उपर्युक्त कथनों में  कौन से सत्य हैं?

(A)केवल 1 और 2(B)केवल 1 और 3(C)केवल 1(D)1, 2 और 3
Answer: (D)
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।

हड़प्पा संस्कृति एक नगरीय संस्कृति थी। इन नगरों में भवन ग्रीड पद्धति पर व्यवस्थित होते थे। उसके अनुसार सड़कें एक दूसरे को समकोण बनाती हुई काटती और नगर अनेक खंडों में विभक्त थे।

इन लोगों ने लेखन कला का आविष्कार किया था। इनकी लिपि चित्रलेखात्मक थी और चित्र के रूप में लिखा हर अक्षर किसी ध्वनि, भाव या वस्तु का सूचक है।

इस संस्कृति में व्यापार, आदान-प्रदान तथा माप-तौल में 16 या उसके आवर्तकों का व्यवहार होता था, जैसे 16, 64, 160, 320 और 640 आदि। 16 के अनुपात की यह परंपरा भारत के आधुनिक काल तक चलती रही।

3. हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

1. ‘पशुपति’ हड़प्पा संस्कृति का महत्त्वपूर्ण देवता थे।
2. हड़प्पा काल के लोग कांसा निर्माण विधि जानते थे।
3. यह संस्कृति अश्व केन्द्रित थी।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः

(A)केवल 1(B)केवल 1 और 3(C)केवल 1 और 2(D)1, 2 और 3
Answer: (C)
व्याख्याः हड़प्पा संस्कृति में पशुपति महत्त्वपूर्ण देवता था। एक मुहर पर एक योगी को ध्यान मुद्रा में एक टांग पर दूसरी टांग डाले (पद्मासन) बैठा दिखाया गया है। इसके चारों ओर एक हाथी, एक बाघ और एक गैंडा मुहर पर चित्रित हैं। इस देवता को पशुपति महादेव बताया जाता है। अतः कथन 1 सत्य है।

इस काल के लोग कांस्य के निर्माण और प्रयोग से भी भली-भाँति परिचित थे। सामान्यतः धातु शिल्पियों द्वारा काँसा निर्माण तांबे में टिन मिलाकर किया जाता था। अतः कथन 2 सत्य है।

हड़प्पा संस्कृति अश्व केन्द्रित नहीं थी। वैदिक काल में आर्यों द्वारा घोड़े का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता था। अतः कथन 3 असत्य है।

4. हड़प्पा संस्कृति में व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

1. इस संस्कृति में  बड़े पैमाने पर व्यापार होता था।
2. इस काल में व्यापार के लिये धातु की मुहरों का प्रयोग किया जाता था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?

(A)केवल 1(B)केवल 2(C)1 और 2 दोनों(D)न तो 1 और न ही 2
Answer: (A)
व्याख्याः हड़प्पा संस्कृति के लोगों के जीवन में व्यापार का बड़ा महत्त्व था। इसकी पुष्टि हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और लोथल में अनाज के बड़े-बड़े कोठारों से नहीं बल्कि एक बड़े भू-भाग में ढेर सारी मिट्टी की मुहरें और मानकीकृत माप-तौलों के अस्तित्व से भी होती है। अतः कथन (1) सत्य है।

इस काल के लोग व्यापार के लिये धातु के सिक्कों का प्रयोग नहीं करते थे। वे आदान-प्रदान वस्तु विनिमय द्वारा करते थे। वे मिट्टी की मुहरों का उपयोग करते थे। अतः कथन 2 असत्य है।

5. हड़प्पा संस्कृति की धार्मिक प्रथा के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा कथन असत्य  है?

(A)इस संस्कृति के लोग मातृ-देवी की पूजा करते थे।(B)इस संस्कृति में वृक्ष और पशु-पूजा का प्रचलन था।(C)इस काल में पूजा-अर्चना के लिये मंदिरों का निर्माण करवाया गया था।(D)इस काल के लोग अनिष्ट से बचने के लिये तावीज़ पहनते थे।
Answer: (C)
व्याख्याः हड़प्पा संस्कृति के लोग वृक्ष, पशु और मानव के स्वरूप में देवताओं की पूजा करते थे, परंतु ये अपने देवताओं के लिये मंदिर निर्माण नहीं करते थे। उस काल में मंदिर मिस्र और मेसोपोटामिया में बनाए जाते थे। अतः कथन (c) असत्य है| जबकी अन्य तीनों कथन सत्य है |

हड़प्पा  संस्कृति के लोग पृथ्वी को उर्वरता की देवी समझते थे और उसकी पूजा उसी तरह से करते थे। उल्लेखनीय है कि हड़प्पा में पकी मिट्टी की मूर्तिका में स्त्री के गर्भ से निकलता पौधा दिखाया गया है। यह संभवतः पृथ्वी देवी की प्रतिमा है।

सिंधु क्षेत्र के लोग वृक्ष व पशु पूजा करते थे। इनमें सबसे महत्त्व का पशु एक सींग वाला यूनीकॉर्न (जो गैंडा हो सकता है), कूबड़ वाले साँड़ की भी पूजा की जाती थी।

हड़प्पा संस्कृति के लोग भूत-प्रेत में विश्वास करते थे। उनके अनिष्ट से बचने के लिये तावीज़ पहनते थे।

6. हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-से कथन सत्य हैं?

1. इस संस्कृति का उदय भारतीय उपमहादेश के पश्चिमोत्तर भाग में हुआ। यहीं से इसका विस्तार दक्षिण और पूरब की ओर हुआ।
2. हड़प्पा संस्कृति का नाम इसके हड़प्पा नामक नदी के किनारे स्थित होने के कारण पड़ा।
3. धोलावीरा और राखीगढ़ी में हड़प्पा संस्कृति की तीनों अवस्थाएँ, (प्राक् हड़प्पा, हड़प्पाकालीन तथा उत्तर हड़प्पा) मिलती हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः

(A)केवल 1 और 2(B)केवल 1 और 3(C)केवल 2 और 3(D)1, 2 और 3
Answer: (B)
व्याख्याः

हड़प्पा संस्कृति का नाम सबसे पहले 1921 में पाकिस्तान के प्रांत में अवस्थित हड़प्पा नामक आधुनिक स्थल का पता चलने के कारण पड़ा है। यह सिंधु और उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र में है। अतः कथन (2) असत्य है।

संस्कृति पश्चिमोत्तर भारतीय उपमहादेश में उदित होकर दक्षिण और पूर्व की ओर फैली। इसका विस्तार कश्मीर से लेकर दक्षिण में नर्मदा के मुहाने तक और पश्चिम में बलूचिस्तान के मकरान समुद्र तट से लेकर दक्षिण में नर्मदा के मुहाने तक फैली है। अतः कथन (1) सत्य है।

इस संस्कृति के परिपक्व अवस्था वाले नगरों में से धोलावीरा गुजरात के कच्छ क्षेत्र में अवस्थित है तथा राखीगढ़ी हरियाणा में घग्घर नदी पर स्थित है। दोनों नगरों में प्राक् हड़प्पा, हड़प्पाकालीन तथा उत्तर हड़प्पाकालीन की अवस्थाएँ मिलती हैं। अतः कथन (3) सत्य है।

7. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा सूचियों के नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजियेः

सूची-I
(हड़प्पीय स्थल )  सूची-II
((स्थिति )   A. रंगपुर1. राजस्थानB. कालीबंगा2. हरियाणाC. राखीगढ़ी3. सिंधD. मोहनजोदड़ो4. गुजरात
कूटः
A B C D

(A)1 2 3 4(B)4 1 2 3(C)4 2 1 3(D)2 3 4 1
Answer: (B)
व्याख्याः विकल्प में दिये गए हड़प्पीय स्थल एवं उनकी स्थिति से संबंधित राज्यों का सुमेलन निम्नानुसार है-
हड़प्पीय स्थल : स्थिति (भारत)
रंगपुर         : गुजरात
कालीबंगा     : राजस्थान
राखीगढ़ी       : हरियाणा
मोहनजोदड़ो : सिंध

8. हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

1. मुहरें हड़प्पा संस्कृति की सर्वोत्तम कलाकृतियाँ हैं।
2. हड़प्पा संस्कृति मुख्यतः वाणिज्यिक संस्कृति थी।
3. यह संस्कृति प्रस्तर शिल्प में भी उतनी ही विकसित थी जितनी धातु शिल्प में।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?

(A)केवल 1 और 2(B)केवल 3(C)केवल 2 और 3(D)1, 2 और 3
Answer: (A)
व्याख्याः इस संस्कृति की सर्वोत्तम कलाकृतियाँ उनकी ‘मुहरें’ हैं। अब तक लगभग 2000 सीलें प्राप्त हुई हैं। इनमें से अधिकांश मुहरों पर लघु लेखों के साथ-साथ एक सिंगी जानवर, भैंस, बाघ, बकरी आदि की आकृतियाँ उकेरी गई हैं। अतः कथन (1) सत्य है।

सिंधु सभ्यता के लोगों के जीवन में व्यापार का बहुत महत्त्व था। शासकों का ध्यान क्षेत्र विजय की ओर नहीं था। सिंधु सभ्यता में अस्त्र-शस्त्रों का अभाव था। अतः कथन (2) भी सत्य है|

इस संस्कृति में शिल्पी धातु की खूबसूरत मूर्तियाँ बनाते थे। काँसे की नर्तकी उनकी मूर्तिकला का श्रेष्ठ नमूना है। परंतु यह लोग प्रस्तर शिल्प में पिछड़े हुए थे। प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की तरह यहाँ कोई महान प्रस्तर-प्रतिमा नहीं मिलती है। अतः कथन 3 असत्य है।

9. हड़प्पा संस्कृति समकालीन पश्चिमी एशिया की संस्कृति से भिन्न थी, क्योंकिः

(A)इनके पास नगर योजना की ग्रिड (जाल) पद्धति थी।(B)इनकी लिपि भाव-चित्रात्मक थी।(C)इनकी जल निकास प्रणाली विशिष्ट प्रकार की थी।(D)उपर्युक्त सभी
Answer: (D)
व्याख्याः हड़प्पा संस्कृति कई तत्त्वों के आधार पर पश्चिमी एशिया की संस्कृति से अलग है।

इनकी विकसित नगर योजना प्रणाली के विपरीत मिस्र और मेसोपोटामिया में नगर बेतरतीब बढ़ते जाने की प्रवृत्ति थी। इन देशों में नगर योजना नहीं पाई जाती थी।

हड़प्पा की चित्रात्मक लिपि का मिस्र और मेसोपोटामिया की लिपियों से कोई समानता नहीं है।

उल्लेखनीय है कि हड़प्पाइयों की मुहरें व मृदभांड पर अंकित पशु-मंडल स्थानीय हैं।

हड़प्पा संस्कृति के सभी नगरों में सभी मकान आयताकार हैं, जिनमें पक्का स्नानागार और सीढ़ीदार कुआँ संलग्न है। पश्चिमी एशिया के नगरों में इस तरह की प्रणाली नहीं पाई जाती थी।

10. हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

1. हड़प्पा संस्कृति कांस्ययुगीन थी,  ज्यादातर औज़ार कांसे के बने होते थे।
2. लोथल,  हड़प्पा संस्कृति का एक बंदरगाह नगर था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?

(A)केवल 1(B)केवल 2(C)1 और 2 दोनों(D)न तो 1 और न ही 2
Answer: (B)
व्याख्याः

यह संस्कृति कांस्ययुगीन थी। इस काल के लोग कांस्य निर्माण पद्धति से परिचित थे। ये धातु की खूबसूरत मूर्तियाँ बनाते थे, परंतु इनके औज़ार ज्यादातर पत्थर के बने होते थे। अतः कथन (1) असत्य है।

लोथल गुजरात में खंभात की खाड़ी पर स्थित बंदरगाह नगर था। अतः कथन 2 सत्य है।

11. हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा एक कथन असत्य है?

(A)इस काल में खेती करने के लिये हल का प्रयोग किया जाता था।(B)इस काल में सिंचाई नहरों से की जाती थी।(C)मोहनजोदड़ो में बुने हुए सूती कपड़े के टुकड़े का अवशेष मिला है।(D)इस संस्कृति में नगर निर्माण में पक्की ईंटों का प्रयोग किया जाता था।
Answer: (B)
व्याख्याः इस काल में नालों को बाँधों से घेरकर जलाशय बनाने की परिपाटी बलूचिस्तान और अफगानिस्तान में पाई जाती थी, परंतु नहर/नालों से सिंचाई का चलन नहीं था। अतः कथन (b) असत्य है।

इस काल में लकड़ी के हलों का प्रयोग किया जाता था। राजस्थान के कालीबंगा में हल से जोते हुए खेत के निशान पाए गए हैं। अतः कथन (a) सत्य है।

हड़प्पा संस्कृति के नगरों में पक्की ईंटों का इस्तेमाल विशेष बात है। क्योंकि मिस्र के समकालीन भवनों में धूप से सुखार्ई गई ईंटों का ही प्रयोग हुआ था। अतः कथन (d) सत्य है।

12. हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

1. इसका क्षेत्र समकालीन मिस्र और मेसोपोटामिया  की संस्कृतियों से बड़ा था।
2. सुरकोटदा इस संस्कृति का समुद्रतटीय नगर था।
3. इस संस्कृति के महत्त्वपूर्ण नगर हड़प्पा और मोहनजोदड़ो पाकिस्तान में पड़ते हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?

(A)केवल 1 और 2(B)केवल 2 और 3(C)केवल 3(D)1, 2 और 3
Answer: (D)
व्याख्याः उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं।

हड़प्पा संस्कृति के अंतर्गत पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान के भाग के साथ गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सीमांत भाग थे। इसका पूरा क्षेत्रफल लगभग 12,99,600 वर्ग किलोमीटर है। इसका क्षेत्र ईसा-पूर्व तीसरी और दूसरी सहस्राब्दि में संसार की सभी संस्कृतियों से बड़ा था।

हड़प्पा  संस्कृति के परिपक्व अवस्था वाले नगरों में सुतकागेंडोर और सुरकोटदा समुद्रतटीय नगर थे।

इस संस्कृति के सात नगरों को ही परिपक्व अवस्था वाले नगर कहा जा सकता है। उनमें हड़प्पा, पंजाब में और मोहनजोदड़ो (अर्थात् प्रेतों का टीला) सिंध में (पाकिस्तान) हैं।

13. हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

1. हड़प्पा संस्कृति में वर्ग-व्यवस्था के चिन्ह दिखाई देते हैं।
2. लिंग पूजा का प्रचलन हड़प्पा काल से शुरू हुआ था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?

(A)केवल 1(B)केवल 2(C)1 और 2 दोनों(D)न तो 1 और न ही 2
Answer: (C)
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य है

हड़प्पा संस्कृति में समाज, शासक और सामान्य वर्ग में बँटा हुआ था। शासक वर्ग के लोग नगर दुर्ग में रहते थे। प्रत्येक नगर में दुर्ग के बाहर एक-एक निम्न स्तर का शहर था, जहाँ ईंटों के मकानों में सामान्य लोग रहते थे।

इस काल में लिंग पूजा का प्रचलन पाया जाता है, जो कालान्तर में शिव की पूजा से गहन रूप से जुड़ गया। हड़प्पा में पत्थर से बने लिंग के अनेक प्रतीक मिले हैं।

14. हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?

(A)इस काल के लोग चावल का उत्पादन करते थे।(B)उत्तर हड़प्पा काल में अग्नि-पूजा की परम्परा चली थी, इसके लिये मंदिरों का निर्माण किया गया था।(C)इस काल में शिल्प कला उन्नत थी, जिससे ये मृदभांड को चिकने और चमकीले बनाते थे।(D)इस काल में मध्य एशिया से व्यापार करने के लिये उत्तरी अफगानिस्तान में बस्ती स्थापित की गई थी।
Answer: (B)

व्याख्याः उत्तर हड़प्पा काल में गुजरात  के लोथल में अग्नि-पूजा की परम्परा चली थी, किंतु इसके लिये मंदिरों का उपयोग नहीं होता था। मिस्र और मेसोपोटामिया के नितांत विपरीत किसी भी हड़प्पाई स्थल पर मंदिर नहीं पाया गया है। अतः कथन (b) असत्य है।

15. निम्नलिखित में से किस संस्कृति को मेलुहा नाम से जाना जाता था?

(A)मिस्र(B)मेसोपोटामिया(C)सिंधु(D)सुमेरिया
Answer: (C)
व्याख्याः
मेलुहा सिंधु संस्कृति का प्राचीन नाम है। 2350 ई.पू. के आसपास मेसोपोटामियाई अभिलेखों में मेलुहा के साथ व्यापारिक संबंधों की चर्चा है। मेसोपोटामिया के पुरालेखों में दो मध्यवर्ती व्यापार केन्द्रों का उल्लेख मिलता है- दिलमन और माकन। ये दोनों मेसोपोटामिया और मेलुहा के बीच में हैं।

16. हड़प्पाई नगरों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये।

1. कालीबंगा में हड़प्पाई तथा हड़प्पाकालीन दोनों अवस्थाएँ देखने को मिलती हैं।
2. हड़प्पा नगर में विशाल स्नानागार मिला है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?

(A)केवल 1(B)केवल 2(C)1 और 2 दोनों(D)न तो 1 और न ही 2
Answer: (a)
व्याख्याः

कालीबंगा राजस्थान के गंगानगर ज़िले में घग्घर नदी के किनारे स्थित है। कालीबंगा का अर्थ है “काले रंग की चूड़ियाँ”। यहाँ पर हड़प्पा पूर्व और हड़प्पाकालीन अवस्थाएँ देखने को मिलती हैं। अतः कथन 1 सत्य है।

विशाल स्नानागार मोहनजोदड़ो का सबसे महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल है, जिसका जलाशय दुर्ग के टीले में है। यह ईंटों के स्थापत्य का सुंदर उदाहरण है। अतः कथन (2) असत्य है।

17. हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?

1. हड़प्पा संस्कृति मातृ-सत्तात्मक थी।
2. इस संस्कृति में सबसे महत्त्वपूर्ण पशु एक सींग वाला जानवर (Unicorn) था।
3. सिंधु प्रदेश में टेराकोटा (आग में पकी मिट्टी) की बनी मूर्तिकाएँ फिगरिन कहलाती थीं।

(A)केवल 1(B)केवल 2 और 3(C)केवल 1 और 3(D)1, 2 और 3
Answer: (A)
व्याख्याः

हड़प्पा संस्कृति मिस्रवासियों की तरह मातृ-सत्तात्मक नहीं थी। मिस्र में सम्पत्ति/राज्य का उत्तराधिकार कन्या को मिलता था।

इस संस्कृति में यूनीकॉर्न सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तथा उसके बाद कूबड़ वाले सांड़ का महत्त्व था।

सिंधु प्रदेश में टेराकोटा (आग में पकी मिट्टी) की बनी मूर्तिकाएँ फिगरिन कहलाती थीं।

18. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

1. मिस्र सभ्यता नील नदी के किनारे विकसित हुई थी।
2. हड़प्पा संस्कृति का विकास सिंधु और सहायक नदियों के क्षेत्र में हुआ था।
3. मेसोपोटामिया सभ्यता दज़ला-फरात नदी क्षेत्र में विकसित हुई थी।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं?

(A)केवल 1 और 2(B)केवल 2 और 3(C)केवल 1 और 3(D)1, 2 और 3
Answer: (D)
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।

हड़प्पा संस्कृति का नाम सिंधु नदी के क्षेत्र में विकसित होने के कारण सिंधु सभ्यता भी कहा जाता है। यह सिंधु व उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र में विकसित हुई थी।

मिस्र सभ्यता नील नदी के किनारे विकसित हुई थी। मिस्र के लोग नील नदी को आइसिस् देवी मानकर पूजा करते थे।

मेसोपोटामिया सभ्यता का विकास दज़ला-फरात नदियों के क्षेत्र में हुआ था।

19. उत्तर हड़प्पा संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

1.उत्तर हड़प्पा संस्कृति में शैलीगत एकरूपता समाप्त हो गई और शैली में भारी विविधता आ गई थी।
2. उत्तर हड़प्पा संस्कृति में पत्थर और तांबे के औज़ारों का उपयोग होता था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(A)केवल 1(B)केवल 2(C)1 और 2 दोनों(D)न तो 1 और न ही 2
Answer: (C)
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।

हड़प्पा संस्कृति के सुव्यवस्थित नगर-निवेश, व्यापक ईंट-संरचनाएँ, लिखने की कला, मानक बाट-माप, दुर्गनगर, कांसे के औज़ारों का इस्तेमाल और काले रंग के मृदभांड  से लेकर चित्रित लाल मृदभांड के निर्माण तक। इसमें शैलीगत एकरूपता समाप्त हो गई और शैली में विविधता आ गई।

उत्तर-हड़प्पा संस्कृतियाँ मूलतः ताम्रपाषाणिक हैं, जिनमें पत्थर और तांबे के औज़ारों का उपयोग होता था। इनमें धातु के ऐसे उपकरण बनते थे, जिनकी ढलाई आसान है।

उल्लेखनीय है कि इस संस्कृति के लोग गांवों में बस गए और खेती, पशुपालन, शिकार और मछली पकड़ने का व्यवसाय करने लगे थे।

             
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