सामान्य विज्ञान
* चुम्बक क्या है - एक ऐसा पदार्थ जोकि लोहे , कोबाल्ट तथा निकल को आकर्षित करता है
* चुम्बकीय पदार्थ क्या है - वे पदार्थ जो चुम्बक द्वारा आकर्षित होते है
* प्रति चुम्बकीय पदार्थ क्या है - वे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र की विपरीत दिशा में चुम्बक द्वारा आकर्षित होते है
जैसे - बिस्मिथ , एंटीमनी , तांबा , चांदी , हीरा , नमक , जल , पारा आदि
* लौह चुम्बकीय पदार्थ क्या है - वे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में चुम्बक द्वारा आकर्षित होते है जैसे - लोहा , निकल , कोबाल्ट , मैग्नेटाइट आदि
* अनु चुम्बकीय पदार्थ क्या है - वे पदार्थ जो चुम्बक द्वारा बहुत कम आकर्षित होते है जैसे - एल्युमीनियम , सोडियम , प्लेटिनियम आदि
* लौह चुम्बकीय पदार्थो की चुम्बकीयशीलता ताप बढ़ने पर - घटती है
* अनुचुम्बकीय पदार्थो की चुम्बकीयशीलता होती है - 1 से अधिक
* किसी चुम्बक के समान ध्रुव एक दूसरे को - प्रतिकार्षित करते है
* किसी चुम्बक के असमान ध्रुव एक दूसरे को - आकर्षित करते है
* मुक्त रूप से लटकी चुम्बक सदैव रुकती है - उत्तर से दक्षिण दिशा में
* यदि किसी चुम्बक को दो भागों में तोड़ा जाए तो - प्रत्येक भाग एक नई चुम्बक की भांति व्यवहार करेगा
* चुम्बकीय रेखायें सदैव उत्तरी ध्रुव से निकलकर दक्षिण ध्रुव को मिलती है
* चुम्बकीय रेखायें कभी भी एक दूसरे को नही काटती है
* पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र उसके व्यास का 1/5 वा भाग है , तथा इसका मान 0.00004 टेस्ला है
* किसी परिनालिका पर लपेटी गयी तार में चुम्बकीय क्षेत्र - B = n x u x i
जहाँ n - लपेटो की संख्या , u - चुम्बकीय पारगम्यता , i - प्रवाहित धारा
* प्राकृतिक चुम्बक का उदाहरण है - मैग्नेटाइट और लेडस्टोन
* कृत्रिम चुम्बक का उदहारण है - छड़ चुम्बक , वैधुत चुम्बक , घोड़े की नाल और चुम्बकीय सुई आदि
* वैधुत चुम्बक बनाई जाती है - नर्म लोहे
* स्थायी चुम्बक क्या होती है - जो कमरे के ताप पर चुम्बक की तरह व्यवहार करें ,
* स्थायी चुम्बक बनाई जाती है - एलिको , टिकानैल , कोबाल्ट , स्टील आदि
* चुम्बकीय फ्लस्क क्या होता है - एक समान चुम्बकीय क्षेत्र से गुजरने वाली बल रेखाओं की संख्या को चुम्बकीय फलस्क कहते है इसका मात्रक - टेस्ला - मीटर ^2 या वेबर होता है
** विधुत धारा क्या है - आवेश प्रवाह की दर को विधुत धारा कहते है
विधुत धारा = आवेश / समय
मात्रक = एम्पियर
* एम्पियर क्या होता है - किसी चालक में 1 सेकंड में , 1 कूलाम आवेश उत्पन्न करने के लिये आवश्यक धारा की मात्रा 1 एम्पियर होती है
* विधुत धारा कितने प्रकार की होती है - दो प्रकार की - दिष्ट धारा और प्रत्यावर्ती धारा
* दिष्ट धारा क्या होती है - वह धारा जिसके दिशा व परिमाण समय के साथ नही बदलते जैसे - सेल , बैटरी , दस डायनमो आदि
* प्रत्यावर्ती धारा क्या होती है - जिस धारा की दिशा व परिमाण समय के साथ नही बदलते वह प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है जैसे - एक डायनमो
* धारा घनत्व क्या है - किसी एकांक क्षेत्रफल में प्रवाहित होने वाली धारा को , धारा घनत्व कहते है
धारा घनत्व = विधुत धारा / क्षेत्रफल
मात्रक - एम्पियर / मीटर ^2
* विधुत विभव या विभवांतर क्या है - एकांक आवेश को किसी माध्यम से विधुत क्षेत्र में लाने के लिए किये गए कार्य को विभवांतर या विभव कहते है
विभवांतर = कार्य / आवेश
मात्रक - वोल्ट या जूल / कूलाम
* विभवांतर को किससे मापा जाता है - वोल्टमीटर से
* ओम का नियम क्या है - किसी चालक में विधुत धारा व विभवांतर का अनुपात एक नियतांक के बराबर होता है जिसको प्रतिरोध कहते हैं तथा इसका मात्रक ओम होता है
R = V / I मात्रक - ओम
* यदि धारा को दुगना कर दिया जाए तो प्रतिरोध होगा - आधा
* किसी चालक की लंबाई बढ़ाने पर चालक का प्रतिरोध - बढ़ता है
* किसी चालक का क्षेत्रफल बढ़ाने पर चालक का प्रतिरोध - घटता है
* प्रतिरोध का मान किसपर निर्भर नही करता - चालक की प्रकृति पर , अलग अलग धातुओं के लिये अलग अलग प्रतिरोध होता है
* ओमीय चालक किसे कहते है - वे चालक जोकि ओम के नियम का पालन करते है जैसे - धात्विक तार
* अन-ओमीय चालक किसे कहते है - वे चालक जोकि ओम के नियम का पालन नही करते जैसे - टोर्च का बल्ब , डायोड वाल्व
* प्रतिरोधकता क्या होती है - किसी चालक द्वारा विधुत धारा के प्रवाह का विरोध करना प्रतिरोधकता कहलाता है , इसका मात्रक ओम - मीटर होता है
* चालको की प्रतिरोधकता कम तथा अचालको की प्ररिरोधकता अधिक होती है
* अयस्कों की प्रतिरोधकता धातुओं से अधिक होती है
* चालकत्व होता है - प्रतिरोध का उलटा मात्रक - 1/ओम
* चालकता क्या है - प्रतिरोधकता का उल्टा चालकता कहलाता है मात्रक - 1 / ओम- मीटर
* चालको व अर्धचालकों की चालकता ताप बढ़ने पर बढ़ती है व अचालक की चालकता ताप बढ़ने पर घटती है
* कमचालक पदार्थ क्या है - वे पदार्थ जिनको विधुत का प्रवाह करने के लिये ज्यादा प्रतिरोध की आवश्यकता होती है - लोहा विधुत का कम चालक होता है जबकि चांदी सबसे अधिक विधुत की चालक होती है
* प्रतिरोधों के श्रेणी क्रम में तुल्य प्रतिरोध ज्यादा तथा समान्तर क्रम में तुल्य प्रतिरोध ज्यादा होता है
* विधुत वाहक बल क्या हैं - सेलो के दो इलेक्ट्रोड्स के बीच उत्पन अधिकतम विभवांतर विधुत वाहक बल कहलाता है
* बैटरी का अविष्कार किया था - वोल्टा ने
* विधुत बल्ब का अविष्कार किया था - थॉमस एडिसन ने
* विधुत बल्ब के अंदर लगा फिलामेंट बना होता है - Tunguston का
* विधुत बल्ब कला हो जाता है - tunguston धातु के ऑक्सीजन के संपर्क में आने से यह ऑक्सीकृत होकर काला पदार्थ छोड़ता है जिससे बल्ब कला हो जाता है , इससे बचने के लिए बल्ब में अक्रिय गैस नाइट्रोजन या आर्गन डाली जाती है
* चुम्बक क्या है - एक ऐसा पदार्थ जोकि लोहे , कोबाल्ट तथा निकल को आकर्षित करता है
* चुम्बकीय पदार्थ क्या है - वे पदार्थ जो चुम्बक द्वारा आकर्षित होते है
* प्रति चुम्बकीय पदार्थ क्या है - वे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र की विपरीत दिशा में चुम्बक द्वारा आकर्षित होते है
जैसे - बिस्मिथ , एंटीमनी , तांबा , चांदी , हीरा , नमक , जल , पारा आदि
* लौह चुम्बकीय पदार्थ क्या है - वे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में चुम्बक द्वारा आकर्षित होते है जैसे - लोहा , निकल , कोबाल्ट , मैग्नेटाइट आदि
* अनु चुम्बकीय पदार्थ क्या है - वे पदार्थ जो चुम्बक द्वारा बहुत कम आकर्षित होते है जैसे - एल्युमीनियम , सोडियम , प्लेटिनियम आदि
* लौह चुम्बकीय पदार्थो की चुम्बकीयशीलता ताप बढ़ने पर - घटती है
* अनुचुम्बकीय पदार्थो की चुम्बकीयशीलता होती है - 1 से अधिक
* किसी चुम्बक के समान ध्रुव एक दूसरे को - प्रतिकार्षित करते है
* किसी चुम्बक के असमान ध्रुव एक दूसरे को - आकर्षित करते है
* मुक्त रूप से लटकी चुम्बक सदैव रुकती है - उत्तर से दक्षिण दिशा में
* यदि किसी चुम्बक को दो भागों में तोड़ा जाए तो - प्रत्येक भाग एक नई चुम्बक की भांति व्यवहार करेगा
* चुम्बकीय रेखायें सदैव उत्तरी ध्रुव से निकलकर दक्षिण ध्रुव को मिलती है
* चुम्बकीय रेखायें कभी भी एक दूसरे को नही काटती है
* पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र उसके व्यास का 1/5 वा भाग है , तथा इसका मान 0.00004 टेस्ला है
* किसी परिनालिका पर लपेटी गयी तार में चुम्बकीय क्षेत्र - B = n x u x i
जहाँ n - लपेटो की संख्या , u - चुम्बकीय पारगम्यता , i - प्रवाहित धारा
* प्राकृतिक चुम्बक का उदाहरण है - मैग्नेटाइट और लेडस्टोन
* कृत्रिम चुम्बक का उदहारण है - छड़ चुम्बक , वैधुत चुम्बक , घोड़े की नाल और चुम्बकीय सुई आदि
* वैधुत चुम्बक बनाई जाती है - नर्म लोहे
* स्थायी चुम्बक क्या होती है - जो कमरे के ताप पर चुम्बक की तरह व्यवहार करें ,
* स्थायी चुम्बक बनाई जाती है - एलिको , टिकानैल , कोबाल्ट , स्टील आदि
* चुम्बकीय फ्लस्क क्या होता है - एक समान चुम्बकीय क्षेत्र से गुजरने वाली बल रेखाओं की संख्या को चुम्बकीय फलस्क कहते है इसका मात्रक - टेस्ला - मीटर ^2 या वेबर होता है
** विधुत धारा क्या है - आवेश प्रवाह की दर को विधुत धारा कहते है
विधुत धारा = आवेश / समय
मात्रक = एम्पियर
* एम्पियर क्या होता है - किसी चालक में 1 सेकंड में , 1 कूलाम आवेश उत्पन्न करने के लिये आवश्यक धारा की मात्रा 1 एम्पियर होती है
* विधुत धारा कितने प्रकार की होती है - दो प्रकार की - दिष्ट धारा और प्रत्यावर्ती धारा
* दिष्ट धारा क्या होती है - वह धारा जिसके दिशा व परिमाण समय के साथ नही बदलते जैसे - सेल , बैटरी , दस डायनमो आदि
* प्रत्यावर्ती धारा क्या होती है - जिस धारा की दिशा व परिमाण समय के साथ नही बदलते वह प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है जैसे - एक डायनमो
* धारा घनत्व क्या है - किसी एकांक क्षेत्रफल में प्रवाहित होने वाली धारा को , धारा घनत्व कहते है
धारा घनत्व = विधुत धारा / क्षेत्रफल
मात्रक - एम्पियर / मीटर ^2
* विधुत विभव या विभवांतर क्या है - एकांक आवेश को किसी माध्यम से विधुत क्षेत्र में लाने के लिए किये गए कार्य को विभवांतर या विभव कहते है
विभवांतर = कार्य / आवेश
मात्रक - वोल्ट या जूल / कूलाम
* विभवांतर को किससे मापा जाता है - वोल्टमीटर से
* ओम का नियम क्या है - किसी चालक में विधुत धारा व विभवांतर का अनुपात एक नियतांक के बराबर होता है जिसको प्रतिरोध कहते हैं तथा इसका मात्रक ओम होता है
R = V / I मात्रक - ओम
* यदि धारा को दुगना कर दिया जाए तो प्रतिरोध होगा - आधा
* किसी चालक की लंबाई बढ़ाने पर चालक का प्रतिरोध - बढ़ता है
* किसी चालक का क्षेत्रफल बढ़ाने पर चालक का प्रतिरोध - घटता है
* प्रतिरोध का मान किसपर निर्भर नही करता - चालक की प्रकृति पर , अलग अलग धातुओं के लिये अलग अलग प्रतिरोध होता है
* ओमीय चालक किसे कहते है - वे चालक जोकि ओम के नियम का पालन करते है जैसे - धात्विक तार
* अन-ओमीय चालक किसे कहते है - वे चालक जोकि ओम के नियम का पालन नही करते जैसे - टोर्च का बल्ब , डायोड वाल्व
* प्रतिरोधकता क्या होती है - किसी चालक द्वारा विधुत धारा के प्रवाह का विरोध करना प्रतिरोधकता कहलाता है , इसका मात्रक ओम - मीटर होता है
* चालको की प्रतिरोधकता कम तथा अचालको की प्ररिरोधकता अधिक होती है
* अयस्कों की प्रतिरोधकता धातुओं से अधिक होती है
* चालकत्व होता है - प्रतिरोध का उलटा मात्रक - 1/ओम
* चालकता क्या है - प्रतिरोधकता का उल्टा चालकता कहलाता है मात्रक - 1 / ओम- मीटर
* चालको व अर्धचालकों की चालकता ताप बढ़ने पर बढ़ती है व अचालक की चालकता ताप बढ़ने पर घटती है
* कमचालक पदार्थ क्या है - वे पदार्थ जिनको विधुत का प्रवाह करने के लिये ज्यादा प्रतिरोध की आवश्यकता होती है - लोहा विधुत का कम चालक होता है जबकि चांदी सबसे अधिक विधुत की चालक होती है
* प्रतिरोधों के श्रेणी क्रम में तुल्य प्रतिरोध ज्यादा तथा समान्तर क्रम में तुल्य प्रतिरोध ज्यादा होता है
* विधुत वाहक बल क्या हैं - सेलो के दो इलेक्ट्रोड्स के बीच उत्पन अधिकतम विभवांतर विधुत वाहक बल कहलाता है
* बैटरी का अविष्कार किया था - वोल्टा ने
* विधुत बल्ब का अविष्कार किया था - थॉमस एडिसन ने
* विधुत बल्ब के अंदर लगा फिलामेंट बना होता है - Tunguston का
* विधुत बल्ब कला हो जाता है - tunguston धातु के ऑक्सीजन के संपर्क में आने से यह ऑक्सीकृत होकर काला पदार्थ छोड़ता है जिससे बल्ब कला हो जाता है , इससे बचने के लिए बल्ब में अक्रिय गैस नाइट्रोजन या आर्गन डाली जाती है