👉भारतीय संविधान के भाग 18 में अनुच्छेद 352 से 360 के अंतर्गत आपातकालीन उपबंध है । भारत में तीन तरह से आपातकाल की व्यवस्था की गई है जो अग्रलिखित है
1.राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
2.राज्य आपातकाल/राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356)
3.वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)
👉राष्ट्रीय आपातकाल संपूर्ण भारत वर्ष या फिर भारत के किसी एक हिस्से पर लगाया जा सकता है राष्ट्रीय आपातकाल निम्न आधारों पर लगाया जा सकता है।
1.युद्ध अथवा बाहरी आक्रमण की स्थिति में
2.युद्ध की आशंका की स्थिति में
3.सशस्त्र विद्रोह
👉उपर्युक्त किसी भी स्थिति में, राष्ट्रपति आपातकाल की उद्घोषणा करता है इस उद्घोषणा का 1 माह में लोकसभा और राज्यसभा दोनों के द्वारा अनुमोदन किया जाना आवश्यक होता है।किंतु यदि उद्घोषणा ऐसे समय होती है जब लोकसभा का विघटन हो गया हो अथवा लोकसभा उद्घोषणा को अनुमोदित किए बिना ही विघटित हो गई हो तब लोकसभा के पुनर्गठन के बाद पहली बैठक से 30 दिनों तक की अवधि में लोकसभा के द्वारा अनुमोदन किया जाना आवश्यक होता है जबकि इसी बीच राज्यसभा द्वारा इसका अनुमोदन कर दिया गया हो।
👉यदि संसद के दोनों सदनों से इसका अनुमोदन हो गया हो तो आपातकाल 6 माह तक जारी रहेगा तथा प्रत्येक 6 माह में संसद के अनुमोदन से इसे अनंत काल तक बढ़ाया जा सकता है।
👉आपातकाल की उद्घोषणा अथवा इसके जारी रहने के प्रत्येक प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित होना आवश्यक है।
👉राष्ट्रपति आपातकाल की ऐसी उद्घोषणा को किसी भी समय एक अन्य उद्घोषणा जारी कर समाप्त कर सकता है इसमें संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती।
👉यदि लोकसभा के कुल सदस्य संख्या के 1/10 सदस्य अध्यक्ष को (अथवा राष्ट्रपति को यदि सदन नहीं चल रहा हो) लिखित रूप से नोटिस दे तो 14 दिन के अंदर उद्घोषणा के जारी रहने के प्रस्ताव को अस्वीकार करने के लिए सदन की विशेष बैठक विचार विमर्श के उद्देश्य से बुलाई जा सकती है।
राष्ट्रीय आपातकाल के प्रभाव:
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1.केंद्र राज्य संबंधों पर प्रभाव।
2.लोकसभा तथा राज्य विधानसभा के कार्यकाल पर प्रभाव।
3.मौलिक अधिकारों पर प्रभाव।
👉कयोंकि प्रश्न में मौलिक अधिकारों के प्रभावों को बताने की अपेक्षा की गई है इसीलिए यहां हम केवल राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों पर प्रभावों की चर्चा करेंगे
👉राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 20 तथा 21 द्वारा प्रदान किए गए मौलिक अधिकार समाप्त नहीं होते तथा अनुच्छेद 19 के तहत प्रदान किए गए मौलिक अधिकार केवल युद्ध अथवा बाहरी आक्रमण के आधार पर आपातकाल की उद्घोषणा के दौरान निलंबित रहते है।
👉वित्तीय आपातकाल तथा राष्ट्रपति शासन के दौरान मूल अधिकार निलंबित नहीं होते हैं।
👉भारत में अभी तक केवल 3 बार राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किए गए हैं 1962, 1971 और 1975 में।