सिख धर्म


सिखों में कुल 10 सिक्ख गुरु हुए जिनका इतिहास निम्नलिखित है।

✴️ गरु नानक (1469-1539)


◼️सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक थे। 

▪️जन्म:-तलबड़ी (वर्तमान ननकाना साहिब)

▪️मत्यु:-करतारपुर (डेरा बाबा)

▪️पिता का नाम:-कालू जी

▪️माता का नाम:-तृप्ता

▪️पत्नी का नाम:-सुलक्षणी

▪️जाति:- खत्री

▪️उपाधि:- हजरत रब्बुल मजीज


सिखों के पहले गुरु गुरुनानक थे, इन्होंने नानक पंथ चलाया। इनके शिष्य शिख कहलाये। इन्होंने अपने एक शिष्य लहना को अपना उत्तराधिकारी बनाया जो अंगद नाम से दूसरे गुरु बने।


✴️अगद (1539-52)


▪️य गुरुनानक के शिष्य एवं जाति से खत्री थे। इन्होंने लंगर व्यवस्था को नियमित किया। गुरुमुखी लिपि के आविष्कार का श्रेय भी इन्हें दिया जाता है।


✴️अमरदास (1552-74)


इन्होंने अपनी गद्दी गोइन्दवाल में स्थापित की इन्होंने नियम बनाया कि कोई भी व्यक्ति बिना लंगर में भोजन किये गुरु से नहीं मिल सकता। 


▪️अपने उपदेशों का प्रचार करने के लिए इन्होने 22 गद्दियों की स्थापना की। सम्राट अकबर इनसे मिलने स्वयं गोइन्दवाल गया था। अमरदास ने अपने दामाद एवं शिष्य रामदास को अपना उत्तराधिकारी बनाया।


✴️रामदास (1574-81)


इनके समय से गुरु का पद पैत्रिक हो गया। अकबर ने इन्हें 500 बीघा जमीन प्रदान की जहाँ इन्होंने एक नगर बसाया जिसे रामदासपुर कहा गया। 


▪️यही बाद में अमृतसर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। रामदास ने अपने पुत्र अर्जुन को अपना उत्तराधिकारी बनाकर गुरु का पद पैत्रिक कर दिया।


✴️अर्जुन देव (1581-1606)


इन्हें सच्चा बादशाह भी कहा गया। इन्होंने रामदासपुर में अमृतसर एवं सन्तोषसर नामक दो तालाब बनवाये।


▪️ अमृतसर तालाब के मध्य में 1589 ई0 में हरमिन्देर साहब का निर्माण कराया इसी आधारशिला प्रसिद्ध सूफी सन्त मियांमीर ने रखी। यही स्वर्णमन्दिर के नाम से प्रसिद्ध हुआ।


▪️ अर्जुनदेव ने बाद में दो 1595 ई में ब्यास नदी के तट पर एक अन्य नगर गोबिन्दपुर बसाया। 


▪️इन्हीं के समय में सिखों के धार्मिक ग्रन्थ आदिग्रन्थ की रचना की गई इन्होंने अनिवार्य आध्यत्मिक कर भी लेना शुरू किया, खुसरो को समर्थन देने के कारण जहाँगीर ने 1606 में इन्हें मृत्युदण्ड दे दिया।


Previous
Next Post »