दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बोर्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होगा और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग लिया जाएगा।
दिल्ली कैबिनेट ने 06 मार्च 2021 को दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को मंजूरी दे दी है। अब दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड होगा। दिल्ली कैबिनेट ने पिछले बजट में किए गए वादे को पूरा करते हुए ‘दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन’ के गठन को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों को कट्टर देशभक्त, अच्छे इंसान और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के गठन को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड बच्चों में रटने पर नहीं, बल्कि उनमें समझ विकसित करने पर बल देगा।
▪️ बोर्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर का :
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बोर्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होगा और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग लिया जाएगा। बच्चों को पढ़ाने और समझाने के लिए उच्चस्तरीय तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
▪️ 20 से 25 सरकारी स्कूल शामिल :
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस एकेडमिक ईयर में 20 से 25 सरकारी स्कूलों को दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (Delhi Board of School Education) में शामिल किया जाएगा। इन स्कूलों को सीबीएसई (CBSE) से हटाकर दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि अगले 4-5 साल में सभी हितधारकों की सहमति से सभी सरकारी और निजी स्कूल इससे संबद्ध हो जाएंगे।
▪️ इस बोर्ड को बनाने का मकसद :
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बोर्ड को बनाने का मकसद हैं कि हमारे बच्चे अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा की ओर बढ़ें। इस बोर्ड की मूल्यांकन प्रणाली अंतर्राष्ट्रीय स्तर की होगी।
▪️ परे साल के प्रदर्शन का मूल्यांकन :
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी हमारी शिक्षा प्रणाली में 3 घंटे की परीक्षा के द्वारा हम बच्चें के पूरे साल के प्रदर्शन का मूल्यांकन करते हैं, लेकिन नए बोर्ड में इस तरीके को बदलकर बच्चों का पूरे साल सतत मूल्यांकन किया जाएगा।
बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार नें पिछले 6 सालों में हर साल अपने बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया है। इससे दिल्ली के सरकारी स्कूलों के ढांचों को बदलकर वर्ल्ड क्लास का बनाया गया।