राजस्थान के प्रमुख लोकदेवता रामदेव जी

 



1. जन्म- उपडुकासमेर, शिव तहसील (बाड़मेर) में हुआ।


2. रामदेव जी तवंर वंशीय राजपूत थे।


3. पिता का नाम अजमल जी व माता का नाम मैणादे था।


4. इनकी ध्वजा, नेजा कहताली हैं


5. नेजा सफेद या पांच रंगों का होता हैं


6. बाबा राम देव जी एकमात्र लोक देवता थे, जो कवि भी थे।


7. राम देव जी की रचना " चैबीस बाणिया" कहलाती है।


8. रामदेव जी का प्रतीक चिन्ह "पगल्ये" है।


9. इनके लोकगाथा गीत ब्यावले कहलाते हैं।


10. रामदेव जी का गीत सबसे लम्बा लोक गीत है।


11. इनके मेघवाल भक्त "रिखिया " कहलाते हैं


12. "बालनाथ" जी इनके गुरू थे।


13. प्रमुख स्थल- रामदेवरा (रूणिया), पोकरण तहसील (जैसलमेर)


14. बाबा रामदेव जी का जनम भाद्रशुक्ल दूज (बाबेरी बीज) को हुआ।


15. राम देव जी का मेला भाद्र शुक्ल दूज से भाद्र शुक्ल एकादशी तक भरता है।


16. मेले का प्रमुख आकर्षण " तरहताली नृत्य" होता हैं।


17. मांगी बाई (उदयपुर) तेरहताली नृत्य की प्रसिद्ध नृत्यागना है।


18. तेरहताली नृत्य कामड़ सम्प्रदाय की महिलाओं द्वारा किया जाता है।


19. रामदेव जी श्री कृष्ण के अवतार माने जाते है।


20. तेरहताली नृत्य व्यावसासिक श्रेणी का नृत्य है।


21. छोटा रामदेवरा गुजरात में है।


22. सुरताखेड़ा (चित्तोड़) व बिराठिया (अजमेर) में भी इनके मंदिर है।


23. इनके यात्री 'जातरू' कहलाते है।


24. रामदेव जी हिन्दू तथा मुसलमान दोनों में ही समान रूप से लोकप्रिय है।


25. मुस्लिम इन्हे रामसापीर के नाम से पुकारते है।


26. इन्हे पीरों का पीर कहा जाता है।


27. जातिगत छुआछूत व भेदभाव को मिटाने के लिए रामदेव जी ने "जम्मा जागरण " अभियान चलाया।


28. इनके घोडे़ का नाम लीला था।


29. रामदेव जी ने मेघवाल जाति की "डाली बाई" को अपनी बहन बनाया।


30. इनकी फड़ का वाचन मेघवाल जाति या कामड़ पथ के लोग करते है।


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