भारतीय शेयर बाज़ार में उतार चढ़ाव क्यूँ और कैसे होता है?
❤👉Bombay Stock Exchange
👉बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) भारत और एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. इसकी स्थापना 1875 में हुई थी. इसमें विभिन्न सेक्टर्स की कंपनियों के शेयरों की खरीदारी और बिक्री की जाती है.
👉शेयर का सीधा अर्थ होता होता है
“हिस्सा”शेयर बाजार में किसी कंपनी में हिस्से को शेयर कहा जाता है. इन शेयरों को विभिन्न लोगों द्वारा खरीदा और बेचा जाता है. इस मार्केट में भाग लेने वाले निवेशकों, शेयर दलालों और व्यापारियों को व्यापार का संचालन करने के लिए शेयर बाजार और सेबी के साथ स्वयं को पंजीकृत करना पड़ता है. शेयर बाजार को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के नियमों के अनुसार चलना पड़ता है.
💟👉सेंसेक्स क्या होता है (What is the meaning of Sensex)?
👉सेंसेक्स नाम का शब्द अंग्रेजी के 'Sensitive Index' से लिया गया है Sens + Ex, इसे हिंदी में संवेदी सूचकांक भी कहा जाता है| जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट होता है कि एक ऐसा सूचकांक जो कि बहुत ही ज्यादा संवेदनशील (Sensitive) हो, उसे ही ‘सेंसेक्स’ नाम से पुकारा जाता है| इसमें 30 बड़ी कम्पनियों के शेयर मूल्यों में होने वाले उतार चढ़ाव को दर्ज किया जाता हैl इसे संवेदी सूचकांक इसलिए कहना ठीक है क्योंकि यह बहुत ही छोटी मोटी घटनाओं के घटित होने पर भी ऊपर नीचे होने लगता है
👉उदाहरण: जैसे प्रधानमंत्री मोदी का किसी देश के साथ समझौता करना, अच्छे मानसून की वजह से अच्छी फसल का होना, देश में नयी सरकार का बनना, बाजार से सम्बंधित कोई नया कानून बनना इत्यादि
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💟👉सेंसेक्स किन कंपनियों से मिलकर बनता है ?
👉सेंसेक्स (Sensitive Index), मुम्बई स्टाक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक है जिसे संक्षेप में बीएसई 30 (BSE-30) या बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) भी कहा जाता है l BSE सेंसेक्स 30 सर्वोच्च कंपनियों के शेयरों पर आधारित है। यहाँ पर यह जानना जरूरी है कि यह 30 शेयरों की सूची समय समय पर बदलती रहती है तथा मुम्बई शेयर बाजार जरूरत के अनुसार इस सूची में बदलाव करता रहता है मगर सूचकांक में कुल शेयरों की संख्या 30 ही रहती है।
👉BSE में से सबसे बड़े और सबसे सक्रिय रूप से कारोबार करने वाले शेयरों में से ऐसी 31 कंपनियों को लिया जाता है जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं.
▪️बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) क्या होता है?
👉इसे Market Cap या बाजार पूँजी भी कह सकते हैंl इसे कंपनी द्वारा कुल जारी शेयरों की संख्या को प्रति शेयर बाजार भाव से गुना करके प्राप्त किया जा सकता है
👉यदि एक कंपनी ने 10 रुपये कीमत के 10,00,00 शेयर जारी किये हैं तो कंपनी की कुल पूँजी हुई दस लाख रुपयेl अब यदि इस कंपनी के 1 शेयर की बाजार में कीमत 50 रुपये है तो कंपनी की Market Cap या बाजार पूँजी 50 लाख होगीl
💟👉कौन से शेयर बेचे जाते हैं?
👉किसी भी कंपनी के बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) का वह हिस्सा जो बिकने के लिए बाजार में उपलब्ध हो सकता है वह फ्री फ्लोट बाजार पूँजी होगी और उसी के आधार पर सेंसेक्स की गणना की जाती हैआम तौर पर प्रमोटरों का हिस्सा अथवा सरकार का हिस्सा पूँजी में से निकाल दें तो बाकी बची पूँजी बाजार में बिकने के लिए उपलब्ध हो कर सकती है
👉अब हम सामान्य लोगों की समझ के लिए उन कारणों को जानने का प्रयास करते हैं जिनकी वजह से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आज मत पूछो यारो दर्द कभी भी, कहीं भी कैसे भी निकल आता है दिल से
👉वैसे तो सामान्य भाषा में यह कहना ही ठीक होगा कि जब किसी कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ जाती है तो उसके शायरों का मूल्य भी बढ़ जाता है लेकिन यहाँ पर हम आपको उन कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके माध्यम से इस बाजार में उतार-चढ़ाव आता है
👉उदाहरण के तौर पर यदि हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी अमेरिका की विदेश यात्रा पर जाते हैं तो अमेरिका में रहने वाले विदेशी निवेशक इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि मोदी जी वहां के राष्ट्रपति के साथ कई समझौते कर सकते हैं जिससे कि इन दोनों देशों के बीच सम्बन्ध और भी मधुर होने वाले हैं इसी उम्मीद में अमेरिका के निवेशक भारत में बड़ी मात्रा में पैसा लगा सकते हैं!