भारतीय संविधान को सम्मान देने के लिये 26 जनवरी को पूरे सम्मान के साथ हर वर्ष भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है क्योंकि आज ही के दिन 1950 में ये लागू हुआ था। भारतीय संविधान ने 1935 के अधिनियम को बदल कर खुद को भारत के संचालक दस्तावेज़ के रुप में स्थापित किया था। इस दिन को भारतीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश के रुप में घोषित किया गया है। भारतीय संवैधानिक सभा द्वारा नये भारतीय संविधान की रुप-रेखा तैयार हुई और स्वीकृति मिली तथा भारत के गणतांत्रिक देश बनने की खुशी में इसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाने की घोषणा हुई।
भारतीय गणतंत्र दिवस - 26 जनवरी 2016
भारत में वर्ष 2016 का गणतंत्र दिवस 26 जनवरी मंगलवार को मनाया जा रहा है। इस साल 2016 में भारत अपना 67वाँ गणतंत्र दिवस मना रहा है। भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस 1950 में मनाया था।
भारतीय गणतंत्र दिवस 2016 पर क्या हैं विशेष:
इस भारतीय गणतंत्र दिवस पर:
- 1950 के बाद से, ये भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ है कि फ्रांस का दल भारतीय सैन्य बल के साथ गणतंत्र दिवस की परेड में भाग ले रहा है।
- इसने हमारे चारों ओर के क्षेत्रों में और महान हस्तियों की लगी मूर्तियों की स्वच्छता को सुनिश्चित किया है।
- स्कूल, कॉलेजों और अन्य स्थानों पर“हमारे कर्तव्यों” के विषय पर चर्चा की है।
- बहुत समय बाद (26 साल बाद), गणतंत्र दिवस 2016, राजपथ पर परेड में भारतीय सेना के कुत्तों को फिर से प्रदर्शन करने के लिये शामिल किया गया है। लगभग 36 भारतीय सेना के कुत्ते जिसमें 24 लैब्रेडोर और 12 जर्मन शेफर्ड सहित, परेड में सम्मिलित हैं। वो पिछले 4 महिनों से और दिन में 3 बार अच्छे प्रदर्शन के लिये अभ्यास कर रहे थे जिसका प्रदर्शन उन्होंने 67वें गणतंत्र दिवस 2016 में किया।
गणतंत्र दिवस 2016 के मुख्य अतिथि
भारत के गणतंत्र दिवस, 2016 के, मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रेंकोइस ओलांस है। भारत के 67वें गणतंत्र दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति को आमंत्रित किया गया था जिसे उन्होंने इस आमंत्रण को स्वीकार किया और अपनी 3 दिवसीय यात्रा पर 24 जनवरी 2016 को भारत पहुँचे साथ ही आज 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस में शामिल हुये हैं।
गणतंत्र दिवस उत्सव
चूँकि भारत में स्वतंत्रता दिवस ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी की खुशी के लिये मनाया जाता है, उसी तरह भारत में गणतंत्र दिवस को उसके अपने संविधान को लागू करने के लिये मनाया जाता है। अधिकारिक रुप से इसे भारत के राष्ट्रपति के समक्ष भारत की राजधानी नयी दिल्ली के राजपथ पर हर वर्ष मनाया जाता है। देश के राष्ट्रीय झंडे को फहराने के द्वारा राज्य के राज्यपाल की मौजूदगी में राज्य की राजधानी में एक छोटा उत्सव मनाया जाता है।
भारतीय सरकार द्वारा पूरे देश में राजपत्रित अवकाश के रुप में 26 जनवरी को घोषित किया गया था। स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों और शिक्षकों के द्वारा पूरे उत्साह के साथ पूरे भारत भर में इसे मनाया जाता है।
नयी दिल्ली में इंडिया गेट के सामने राजपथ पर सैनिकों के द्वारा एक उत्कृष्ट परेड और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है
हवा में तिरंगा बनाते हुए भारतीय वायु सेना
राजधानी में गणतंत्र दिवस को मनाने के लिये पहले से ही भारतीय सरकार द्वारा अच्छे प्रयास के साथ कार्यक्रम और उत्सव आयोजित किया जाता है। राज्यों की राजधानी के साथ ही नयी दिल्ली के राजपथ पर एक बड़ा और भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। परेड में पारंपरिक डाँस समूह, जल सेना, वायु सेना और थल सेना से प्रतिभागी भाग लेते हैं।
नयी दिल्ली में रखा गया परेड खासतौर से शुरुआत किया जाता है जब इंडिया गेट के अमर ज्योति जवान पर भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा पुष्पमाला भेंट की जाती है। अपने देश की रक्षा करते हुए भारतीय सेना के सैनिकों के सभी बलिदानों को याद करने के लिये ऐसा किया जाता है। राजधानी में परेड के दौरान भारतीय राष्ट्रपति द्वारा सेना की सलामी ली जाती है जबकि राज्यों में राज्यपाल द्वारा सेना की सलामी ली जाती है। इस खास अवसर पर, राज्य के प्रमुख राष्ट्रपति के मुख्य अतिथि बनते हैं।
सशस्त्र बलों के सैनिकों, आम जन, और स्कूलों के विद्यार्थियों को इस खास दिन पर राष्ट्रीय पुरस्कार (महावीर चक्र, अशोक चक्र, परम वीर चक्र, वीर चक्र) और बहादुरी मेडल भी वितरित किये जाते हैं। दर्शको पर गुलाब की पंखुड़ियों की बरसात के लिये इंडिया गेट के आसपास के क्षेत्रों में सेना बलों के हेलिकॉप्टर परेड करते हैं। स्कूलों के बच्चों के द्वारा देशभक्ति गीत पर डाँस परेड के द्वारा प्रस्तुति भी जाती है। राष्ट्रपति को सम्मानीय सलामी देने के लिये सैन्य बलों द्वारा मोटर साईकिलों पर करतब दिखाये जाते हैं जबकि फाईटर प्लेन (धुएँ द्वारा भारतीय झंडे तीन रंग बनाती है) द्वारा वायु सेना करतब दिखाती है।
देश के इतिहास और संस्कृति पर ध्यानाकर्षण करने के लिये विभिन्न राज्यों से पेशेवरों द्वारा विभिन्न पारंपरिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती है। भव्य उत्सव के दौरान, 24 जनवरी से 29 जनवरी तक प्रधानमंत्री की एक रैली और लोक तरंग राष्ट्रीय फोक नृत्य उत्सव भी रखा जाता है।
इस दिन, पोस्ट ऑफिस और बैंक सहित देश के सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। बड़ी भीड़ के कारण इस दिन पर खास सुरक्षा व्यवस्था रहती है जो किसी भी समस्या से आमजन की रक्षा करती है।
गणतंत्र दिवस मनाने का इतिहास
वर्ष 1947 में 15 अगस्त को अंग्रेजी शासन से भारत को आजादी मिली थी। उस समय देश का कोई स्थायी संविधान नहीं था। पहली बार, वर्ष 1947 में 4 नवंबर को राष्ट्रीय सभा को ड्राफ्टिंग कमेटी के द्वारा भारतीय संविधान का पहला ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया था। वर्ष 1950 में 24 जनवरी को हिन्दी और अंग्रेजी में दो संस्करणों में राष्ट्रीय सभा द्वारा भारतीय संविधान का पहला ड्राफ्ट हस्ताक्षरित हुआ था।
तब 26 जनवरी 1950 अर्थात् गणतंत्र दिवस को भारतीय संविधान अस्तित्व में आया। तब से, भारत में गणतंत्र दिवस के रुप में 26 जनवरी मनाने की शुरुआत हुई थी। इस दिन भारत को पूर्णं स्वराज देश के रुप में घोषित किया गया था अत: पूर्णं स्वराज के वर्षगाँठ के रुप में हर वर्ष इसे मनाये जाने की शुरुआत हुई।
भारतीय संविधान ने भारत के नागरिकों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार दिया। सरकारी हाऊस के दरबार हॉल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रुप में डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद द्वारा शपथ लिया गया था। गणतंत्र दिवस मनाने के पीछे भारत के पास एक बड़ा इतिहास है।
26 जनवरी मनाने का महत्व
गणतंत्र दिवस स्वतंत्र भारत के लिये सच्चे साहस का प्रतीक है जहाँ सैन्य परेड, सैन्य सामानों की प्रदर्शनी, भारतीय राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय झंडे को सलामी और इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है। भारतीय झंडे में क्षैतिज दिशा में तीन रंग होते हैं (सबसे ऊपर केसरिया, मध्य में सफेद तथा अंत में हरा, सभी रंग बराबर अनुपात में होता है) और बीच में एक चक्र होता है (नीले रंग में 24 तिलियों के साथ) जो अशोका की राजधानी सारनाथ के शेर को दिखाता है।
भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न संस्कृति, समाज, धर्म और भाषा के लोग सद्भावपूर्णं ढंग से एक साथ रहते हैं। भारत के लिये स्वतंत्रता बड़े गर्व की बात है क्योंकि विभिन्न मुश्किलों और बाधाओं को पार करने के वर्षों बाद ये प्राप्त हुई थी।
बहु-संस्कृति स्वतंत्र भारत में जीने के लिये भारतीय लोगों को गर्व महसूस कराने के लिये इस दिन को हर वर्ष मनाया जाता है। वर्ष के उत्सव को यादगार और महत्वपूर्णं बनाने के लिये गणतंत्र दिवस को बहुत ही रंग-बिरंगे और आनन्दपूर्णं तरीके से मनाते हैं। उत्सव में शामिल लोगों के द्वारा राष्ट्र-गान गाया जाता है। ये उत्सव सभी भारतीयों को एक स्थान पर ले आने का कार्य करता है।
भारतीय गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथियों की सूची
हर साल की तरह, मुख्य अतिथि के रुप में दूसरे देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को अपने गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित करके उनका स्वागत के द्वारा “अतिथि देवो भव:” की महान भारतीय परंपरा और संस्कृति का अनुसरण भारत करता रहा है। इस वर्ष, 2016 के गणतंत्र दिवस पर, भारत ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में फ्राँस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का दिल से स्वागत किया है। यहाँ नीचे आपको भारत के पहले गणतंत्रता दिवस से लेकर 2016 तक के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथियों की सूची उपलब्ध करायी जा रही है।
वर्ष | मुख्य अतिथि | देश |
2016 | राष्ट्रपति, फ्रांस्वा ओलांद | फ्राँस |
2015 | राष्ट्रपति, बराक ओबामा | यूएसए |
2014 | प्रधानमंत्री, शिंजों आबे | जापान |
2013 | राजा, जिग्मे केसर नामग्याल वाँगचुक | भूटान |
2012 | प्रधानमंत्री, यिंगलुक शिनवात्रा | थाईलैंड |
2011 | राष्ट्रपति, सुसीलो बमबंग युद्धोयुनो | इंडोनेशिया |
2010 | राष्ट्रपति, ली म्यूंग बक | कोरिया गणराज्य |
2009 | राष्ट्रपति, नूरसुलतान नजरबयेव | कज़ाकिस्तान |
2008 | राष्ट्रपति, निकोलस सरकोजी | फ्रांस |
2007 | राष्ट्रपति, व्लादिमीर पुतिन | रुस |
2006 | राजा, अब्दुल्ला बिन अब्दुल्लाजिज़ अल-सऊद | सऊदी अरेबिया |
2005 | राजा, जिग्मे सिंघे वाँगचुक | भूटान |
2004 | राष्ट्पति, लूइज़ इनैसियो लूला दा सिल्वा | ब्राजील |
2003 | राष्ट्पति, मोहम्मदम खतामी | इरान |
2002 | राष्ट्पति, कसाम उतीम | मॉरीशस |
2001 | राष्ट्पति, अब्देलाज़िज बुटेफ्लिका | अलजीरीया |
2000 | राष्ट्पति, ओलूसेगुन ओबाझाँजो | नाइजीरिया |
1999 | राजा बिरेन्द्र बीर बिक्रम शाह देव | नेपाल |
1998 | राष्ट्रपति, जैक्स चिराक | फ्रांस |
1997 | प्रधानमंत्री, बासदियो पांडेय | त्रिनीनाद और टोबैगो |
1996 | राष्ट्रपति, डॉ फरनॉनडो हेनरिक कारडोसो | ब्राजील |
1995 | राष्ट्रपति, नेल्सन मंडेला | दक्षिण अफ्रिका |
1994 | प्रधानमंत्री, गोह चोक टोंग | सिंगापुर |
1993 | प्रधानमंत्री, जॉन मेजर | यूके |
1992 | राष्ट्रपति, मारियो सोर्स | पुर्तगाल |
1991 | राष्ट्रपति, मौमून अब्दुल गयूम | मालदीव |
1990 | प्रधानमंत्री, अनिरुद्ध जुगनौत | मॉरीशस |
1989 | गुयेन वैन लिंह | वियतनाम |
1988 | राष्ट्रपति, जुनियस जयवर्द्धने | श्रीलंका |
1987 | राष्ट्रपति, ऐलेन गार्सिया | पेरु |
1986 | प्रधानमंत्री, एँड्रियास पपनड्रीयु | ग्रीस |
1985 | राष्ट्रपति, रॉल अलफोन्सिन | अर्जेन्टीना |
1984 | राजा जिग्मे सिंघे वाँगचुक | भूटान |
1983 | राष्ट्रपति, सेहु शगारी | नाइजीरिया |
1982 | राजा, जॉन कार्लोस प्रथम | स्पेन |
1981 | राष्ट्रपति, जोस लोपेज़ पोरेटील्लो | मेक्सिको |
1980 | राष्ट्रपति, वलेरी गिस्कार्ड द इस्टेइंग | फ्रांस |
1979 | प्रधानमंत्री, मलकोल्म फ्रेज़र | ऑस्ट्रेलिया |
1978 | राष्ट्रपति, पैट्रीक हिलेरी | ऑयरलौंड |
1977 | प्रथम सचिव, एडवर्ड गिरेक | पौलैण्ड |
1976 | प्रधानमंत्री, जैक्स चिराक | फ्रांस |
1975 | राष्ट्रपति, केनेथ कौंडा | जांबिया |
1974 | राष्ट्रपति, जोसिप ब्रौज टीटो | यूगोस्लाविया |
प्रधानमंत्री, सिरीमावो रतवत्ते दियास बंदरनायके | श्रीलंका | |
1973 | राष्ट्रपति, मोबुतु सेस सीको | जैरे |
1972 | प्रधानमंत्री, सीवुसागर रामगुलाम | मॉरीशस |
1971 | राष्ट्रपति, जुलियस नीयरेरे | तंजानिया |
1970 | - | |
1969 | प्रधानमंत्री, टोडर ज़िकोव | बुल्गारिया |
1968 | प्रधानमंत्री, एलेक्सी कोज़ीगिन | सोवियत यूनियन |
राष्ट्रपति, जोसिप ब्रोज टीटो | यूगोस्लाविया | |
1967 | - | |
1966 | - | |
1965 | खाद्य एवं कृषि मंत्री, राना अब्दुल हामिद | पाकिस्तान |
1964 | - | |
1963 | राजा, नोरोदम शिनौक | कंबोडिया |
1962 | - | |
1961 | रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय | यूके |
1960 | राष्ट्रपति, क्लिमेंट वोरोशिलोव | सोवियत संघ |
1959 | - | |
1958 | मार्शल यि जियानयिंग | चीन |
1957 | - | |
1956 | - | |
1955 | गर्वनर जनरल, मलिक गुलाम मोहम्मद | पाकिस्तान |
1954 | राजा, जिग्मे दोरजी वाँगचुक | भूटान |
1953 | - | |
1952 | - | |
1951 | - | |
1950 | राष्ट्रपति, सुकर्नों | इंडोनेशिया |
जाड़े के उत्सव संबंधी ड्रेस पहने, राष्ट्रपति आवास से बाहर आते हुए राष्ट्रपति के अंग-रक्षकों द्वारा राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड की ये वास्तविक तस्वीर है। घुड़सवार रेजीमेंट में से एक खास चुनी हुयी भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ ईकाई भारत के राष्ट्रपति के अंगरक्षक बनते है। भारत के राष्ट्रपति की सुरक्षा और राह दिखाने के लिये उनके अंग-रक्षक पूरी तरह जिम्मेदार होते हैं। वो पूरी तरह हथियारों, बीटीआर-60 गाड़ियाँ से लैस होते हैं जो किसी भी परिस्थिति में इस्तेमाल किये जा सकते हैं साथ ही घोड़ें भी चलाते हैं।
राजपथ पर एक अग्नि-II बैलिस्टिक मिसाइल के प्रदर्शन के द्वारा गणतंत्र दिवस परेड की ये तस्वीर है। पड़ोसी देशों के लिये 3500 किमी से लेकर 5000 किमी की दूरी की मारक क्षमता वाले अग्नि-II एक असाधारण बैलिस्टिक मिसाइल है। अपने प्रकार की एक बेहद प्रगतिशील भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल के रुप में इसे विकसित किया गया है जिसमें 40 मीटर की दूरी के अंतर्गत गोलाकार त्रुटि की संभावना होती है। इसके बाद, 2011 में जून के महीने में इसके क्रमानुयायी के रुप में भारत का अग्नि-III बैलिस्टिक मिसाइल भी विकसित किया गया।
भारत के गणतंत्र दिवस को मनाने के अवसर पर राजपथ पर लॉयन कैपिटल का ये एक उत्कृष्ट सजायी गयी तस्वीर है। लॉयन कैपिटल के ठीक सामने पीले रंग के फूलों के साथ भारत का मान-चित्र बनाया गया है। मान-चित्र के बीच में तिरंगा बना हुआ है। मान-चित्र के ठीक नीचे एक बड़े वृत्ताकार में फूलों से सजे तीन वृत बने हैं। कितना सुंदर सजाया गया है ये लॉयन कैपिटल।
राजपथ पर भारत की विशेष बीएसएफ ऊँट टुकड़ी के द्वारा गणतंत्र दिवस परेड की ये फोटो है। भारत के गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारतीय सरकार की सीमा सुरक्षा बल बना भारत का बीएसएफ जो भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदार है। खासतौर से चुनी गयी केन्द्रीय सैन्य पुलिस बलों में से एक बीएसएफ बनती है जो 1 दिसंबर 1965 को भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा की शांति के लिये स्थापित हुई साथ ही सीमा पार से होने वाले अपराधों को भी रोकने के लिये बनी है। 186 बटालियन में भारतीय बीएसएफ में लगभग 24,000 जवान है (पुरुष और महिला दोनों सहित)। पूरे विश्व भर में भारत की बीएसएफ सबसे बड़ी सीमा सुरक्षा बल है। भारतीय बीएसएफ के पहले मुख्य निदेशक के.एफ.रुस्तम जी थे जिन्होंने इसकी स्थापना की और भारतीय बीएसएफ के संस्थापक पिता के रुप में जाने जाते थे।
राजपथ पर भारतीय सेना की मद्रास रेजीमेंट द्वारा गणतंत्र दिवस परेड का ये एक अद्भुत् दृश्य है। 1750 (मद्रास शहर की स्थापना वर्ष 1639 में हुई थी) के दौरान भारत में बनी सेना का सबसे पुरानी रेजीमेंट के रुप में भारत की मद्रास रेजीमेंट को माना जाता है। ब्रिटिश भारतीय सेना के विभिन्न अभियानों के द्वारा ये पुरानी भारतीय रेजीमेंट बनी और भारतीय सेना के रुप में जारी है। पूर्व में 1660 के दशक के दौरान इसे ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा मद्रास यूरोपियन रेजीमेंट के रुप में विकसित किया गया था जबकि बाद में 1750 के दशक के दौरान मेजर स्ट्रींगर लॉरेन्स के द्वारा इसे एक बटालियन के रुप में विकसित किया गया था। आजादी के बाद, मद्रास रेजीमेंट का निर्माण हुआ था जो बहुत सारे अभियानों में शामिल था जैसे मानवतावादी और संचालन और यूएन शांति स्थापित रखने वाला मिशन।
2016 के गणतंत्र दिवस, राजपथ पर मुख्य आकर्षक
अमर जवान ज्योति पर शहीद जवानों को पुष्प श्रद्धांजलि देते हुये भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी। यहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद 2 मिनट का मौन धारण किया जिसके बाद सेरिमोनियल किताब पर हस्ताक्षर किये।
2016 के 67वें गणतंत्र दिवस, राजपथ पर परेड करते हुये फ्रांस सैन्यदल। ये देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी विदेशी सैन्यदल ने परेड में भाग लिया है।
2016 के गणतंत्र दिवस राजपथ पर लगभग 26 साल बाद भारतीय सैन्य दल के साथ लैब्रेडोर और जर्मन शेफर्ड कुत्तों की परेड।
67वें गणतंत्र दिवस 2016 पर पहली बार डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जंयती के उपलक्ष्य पर प्रदर्शित करती ये झांकी जो भारत के संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि दी गयी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को शुरु किया गया स्वच्छ भारत अभियान की थीम को 2016 के 67वें गणतंत्र दिवस पर प्रस्तुत करती झांकी।
66 वां गणतंत्र दिवस 2015
2015 के गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार भारत की महिला सशस्त्र बल ने भाग लिया क्योंकि इसके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नारी शक्ति और महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करने के बेहद इच्छुक थे। बच्चों के द्वारा स्वच्छ भारत अभियान, मेक इन इंडिया, नारी शक्ति, महिला सशक्तिकरण की झाँकी तथा 2015 के गणतंत्र दिवस परेड का मुख्य थीम थी जन-धन-योजना की झाँकी। इसके साथ ही 66वें भारतीय गणतंत्रता दिवस पर बराक ओबामा मुख्य अतिथि के रुप में पहले यूएस राष्ट्रपति थे। 25 जनवरी की शाम में राष्ट्रपति भवन में “गार्ड ऑफ ऑनर” (पूजा ठाकुर के नेतृत्व में) के द्वारा यूएस राष्ट्रपति का सम्मान किया गया साथ ही रात में भारत के 200 प्रसिद्ध व्यक्तियों के साथ उनके सम्मान में बेहतरीन भोजन परोसा गया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सुरक्षा के लिये 2015 के 66वें गणतंत्र दिवस पर विशेष आयोजन किया गया था। जब गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिये राजपथ की सड़क पर बराक ओबामा आये थे तो उनकी सुरक्षा के लिये एक बुलेट-फ्रुफ कार शील्ड का इंतजाम किया गया था जो अमेरिका से लायी गयी थी। यूएस राष्ट्रपति की बुलेट-फ्रुफ कार 18 फीट लंबी, 8टन वजनी, बम और बुलेट को झेल सकने वाली, रात में भी स्पष्ट दिखाई देने वाला कैमरा, सैटेलाइट फोन (जिसके पास उप राष्ट्रपति और पेंटागन से सीधे बात करने की व्यवस्था) और एक प्रशिक्षित ड्राईवर था जो 180 डीग्री पर गाड़ी को मोड़ सके। इस सब के अतिरिक्त मंच पर किसी भी असम्भावित हमले से सुरक्षा के लिये पहली बार बुलेट प्रूफ आवरण का प्रयोग किया गया था।