राजस्थानी साहित्य

राजस्थानी साहित्य: काल विभाजन, चारण साहित्य, जैन साहित्य, ब्राह्मण साहित्य & संत साहित्य 

राजस्थानी साहित्य का काल विभाजन

  • आदिकाल - वि.सं. 800 - 1460
  • मध्यकाल- वि.सं. 1460-1900
  • आधुनिक काल- वि.सं. 1900 से....वर्तमान

राजस्थान के प्राचीन साहित्य को प्रमुख रूप से 4 भागों में बांटा गया है 

  1. चारण साहित्य (Charani Literature)
  2. जैन साहित्य (Jain's Literature)
  3. ब्राह्मण साहित्य (Brahmin Literature)*
  4. संत साहित्य (Saints' Literature)
*संस्कृत भाषा में रचित ब्राह्मण साहित्य राजस्थान में पाया जाने वाला सबसे प्राचीन साहित्य है।


चारण साहित्य की प्रमुख रचनाएं (Charani Literatuure)

  • चंदवरदाई का ‘पृथ्वीराज रासौ’ ('Prithvi Raj Raso' by Chandvardai)
  • पृथ्वीराज राठौड़ का  ‘वेलि क्रिसन रूक्मणी री’ ('Veli Kishan Rukmani Ri' by Prithvi Raj Rathore)
  • शिवदास गाडण (चारण) की ‘अचलदास खींची री वचनिका’ ('Achaldas Khnichi Ri Vachnika' by Shiv Das Gadav (Charan))
  • सूर्य मिश्रण का ‘वंशभास्कर‘ व ‘वीर सतसई’ ('Vansh Bhaskar' and 'Vir Satsai' by Surya Mal Mishran)
  • करणीदान का ‘सूरज प्रकाश’ ('Suraj Prakash' by Karni Dan)
  • दयालदास खींची री वचनिका (Dayaldas Khnichi Ri Vachnika)
  • गिरधर आसिया का ‘सगत रासो’ ('Sagat Raso' by Girdhar Asiya)
  • कवि कलोल का ‘ढोला मारू रा दूहा’ ('Dhola Maru Ra Duha' by Kavi Kalol)
  • मुहणोत ‘नैणसी री ख्यात’ व ‘मारवाड़ रा परगना री विगत’ ('Nainsi Ri Khyat' and 'Marwar Paragna Ri Vigat' by Muhnot Nainsi )
  • बांकीदास री ख्यात (Bankidas Ri Khyat)
  • जग्गा खिडि़या की ‘राठौड़ रतनसिंह महेस दासोत री वचनिका’ ('Rathore Ratan Singh Mahes Dasot Ri Vachnika' by Jagga Khadiya)
  • बीठू सूजा द्वारा रचित ‘राव जैतसी रो छंद’ ('Rav Jaitsi Ro Chand' by Beethu Suja)
  • ढोला मारवणी री चैपाई (Dhola Marwari Ri Choupai)

संस्कृत साहित्य की प्रमुख कृतियां (Sanskrit Literature)


  • चंद्रशेखर का ‘सुर्जन चरित्र’ ('Surjan Charitra' by Chandrashekhar)
  • नयनचंद्र सूरी का ‘हमीर महाकाव्य’ ('Hamir Mahakavya' by Nayan Chandra Suri)
  • मंडन का ‘राजवल्लभ’ ('Rajvallabh' by Mandan)
  • जयानक का ‘पृथ्वीराज विजय’ ('Prithviraj Vijaya' by Jayanak)
  • जयसोम का ‘कर्मचंद वंशोत्कीर्तन काव्यम’ ('Karmchand Vanshotkirrtan Kavyam' by JayaSom)
  • रणछोड़दास भट्ट का ‘अमरकाव्य वंशावली’ ('Amar Kavya Vanshavali' by Ranchhor Das Bhatt)
  • उद्योतन सूरी का ‘कुवलमाला’ ('Kuvlayamala' by Udyyotan Suri)
  • पदमनाभ का ‘कान्हड़दे प्रबंध’ व ‘हमीरायण’ ('Kanhad De Prabandh' and 'Hamirayan' by Padmanabh)
  • नरपतिनाल्ह का ‘वीसलदेव रासौ’ ('Visal Dev raso' by Narpati Nalh)
  • महाकवि माघ का ‘शिशुपाल वध’ ('Shishupal Vadh' by Mahakavi Magh)
  • राणा कुंभा के दरबारी कान्ह व्यास का  ‘एकलिंग महात्म्य’ ('Ekling Mahatamya' by Kanha Vyas)
  • मेरूतुंग का ‘प्रबंध चिंतामणि’ ('Prabandh Chintamani' by Merutung)
  • भट्ट सदाशिव का ‘राजविनोद’ (Raj Vinod' by Bhakta Sada Shiv)
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