Paper-||| (राजस्थान सामान्य अध्ययन पाठ्यक्रम)
(1) राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य और विरासत
(1) राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएं, मध्यपाषाणकालीन(उत्तरपाषाण कालीन) राजस्थान के स्थलों - निम्बाहेड़ा, बागोर व Mandia के विशेष संदर्भ में l
(2) राजस्थान के राजवंशो और उसके शासकों का युग और उनकी सांस्कृतिक उपलब्धियाँ (1000-1800 A.D.) ।
(3)मुस्लिम सत्ता के खिलाफ राजपूत शासकों का राजनीतिक प्रतिरोध - रतन सिंह, हम्मीर, कान्हड़ देव और मालदेव, चंद्रसेन और प्रताप के विशेष संदर्भ में |
(4) (i) मध्यकालीन राजस्थान में भक्ति आंदोलन व सूफीवाद - मीरा, दादू और ख्वाजा मोइन-उद-दीन चिश्ती के विशेष संदर्भ में ।
(ii) संत : रामदेवजी, गोगाजी, तेजाजी, पाबूजी, मल्लिनाथ, धन्ना, पीपा, हरिदास, रैदास, जसनाथ और संप्रदायों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
(iii) लोक देवता और देवी।
(5) राजस्थान में राजनीतिक जागृति और स्वतंत्रता आंदोलन: 1857, किसान और आदिवासी आंदोलन, प्रजामंडल आंदोलन, सामाजिक और राजनीतिक जागृति में महिलाओं का योगदान।
(6) (i) लोक संस्कृति: मेले और त्यौहार, चित्रकला की विभिन्न शैलियाँ , लोक कथाएँ और गाथाएँ, लोक गीत, लोक नृत्य, लोक संगीत और वाद्ययंत्र।
(ii) पोशाक और आभूषण,हस्तशिल्प।
(7) राजस्थानी भाषा: उत्पत्ति और विकास।
(8) मुख्य बोलियाँ और क्षेत्र। (9)राजस्थानी लिपियाँ: मुड़िया और देवनागरी।
(10) (a) राजस्थानी साहित्य: इसका विकास-
(i) प्रारंभिक काल
(ii) पूर्व-मध्यकाल
(iii)उत्तर-मध्यकाल
(iv) आधुनिक काल
(b) प्रसिद्ध लेखक और उनके कार्य।
(11) पर्यटन और राजस्थान: विरासत,पर्यटन नीति और विजन।
[2] राजस्थान का भूगोल
(1)भौतिक क्षेत्र, नदियाँ और झीलें।
(2) जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, मिट्टी, खनिज और ऊर्जा संसाधन नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय।
(3) जनसंख्या - लक्षण, पशुधन, जैव विविधता और इसका संरक्षण।
(4) प्रमुख फसलों का उत्पादन व वितरण , प्रमुख सिंचाई परियोजनाऐं, प्रमुख उद्योग |
(5) सूखा और अकाल, मरुस्थलीकरण, पर्यावरणीय समस्याएं, आपदा प्रबंधन और महामारी।
[3] राजस्थान की प्रशासनिक व राजनीतिक व्यवस्था
(1) राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद।
(2) राज्य विधानसभा, उच्च न्यायालय और राजस्थान की न्यायिक प्रणाली।
(3) राजस्थान लोक सेवा आयोग, राज्य चुनाव आयोग, राज्य वित्त आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग, राज्य महिला आयोग, राज्य सूचना आयोग, लोकायुक्त और महालेखा परीक्षक।
(4)मुख्य सचिव, सचिवालय, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ), संभागीय आयुक्त, जिला प्रशासन, पंचायती राज और शहरी स्थानीय स्वशासन के संस्थान।
(5) नागरिकता पर आधारित सरकार की नीतियाँ व अधिकार, सूचना का अधिकार, सार्वजनिक सेवाओं की गारंटी प्रदान करना, नागरिकों के चार्टर्स, सोशल ऑडिट, जन संपर्क पोर्टल, राजस्थान संपर्क पोर्टल आदि।
[4] राजस्थान की अर्थव्यवस्था
(1)राज्य की अर्थव्यवस्था के लक्षण
(2) व्यावसायिक वितरण।
(3) राज्य के घरेलू उत्पाद की संरचना।
(4) प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दे :-
(i) कृषि क्षेत्र: राजस्थान में कृषि क्षेत्र के लक्षण, तेल बीज और मसालों के विशेष संदर्भ में प्रमुख रबी और खरीफ की फसले, सिंचित क्षेत्र और रुझान, प्रवासी श्रमिकों की समस्याएं उनका पुनर्वास, कृषि ऋण।
(ii) पशुधन: पशुधन संख्या की प्रवृत्ति, राजस्थान में दुग्ध उत्पादन।
(iii) औद्योगिक आउटलुक: राजस्थान के प्रमुख उद्योग, उद्योगों के विकास में बाधा, राजस्थान में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग, लघु उद्योगों की भूमिका और समस्या, औद्योगिक पिछड़ापन । राज्य के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, राजस्थान में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ), RIICO और RFC की भूमिका, एग्रो-प्रोसेसिंग पॉलिसी (2020)।
(iv) सेवा क्षेत्र: प्राथमिक शिक्षा का हाल के वर्षों में विकास, राज्य सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रम, मध्याह्न भोजन कार्यक्रम, इंदिरा रसोई योजना।
(v) बुनियादी ढाँचा विकास: राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग और ग्रामीण सड़कों का विकास, ऊर्जा : ऊर्जा उत्पादन में प्रगति, सौर ऊर्जा परियोजनाओं में हालिया प्रगति।
(vi) राजस्थान के हस्तशिल्प।
(vii) राजस्थान से निर्यात की प्रमुख वस्तुएँ।
(viii) आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों, दिव्यांग लोगों, वृद्धजन के लिए राज्य सरकार की प्रमुख कल्याणकारी योजनाएँ। महिला सशक्तिकरण और बाल विकास के लिए उठाए गए कदम।
(ix) राजस्थान में क्षेत्रीय आर्थिक
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