राजस्थान का एकीकरण
- Ø स्वतंत्रता से पूर्व भारत में 565 देशी रियासतें थी |
- Ø राजस्थान में 19 देसी रियासतें, 3 ठिकाने ( नीमराणा , कुशल्गढ़ और लावा ) व एक केन्द्रशासित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा था |
- Ø 1945 में ब्रिटेन में क्लीमेंट एटली के नेत्रत्व में लेबर पार्टी की सरकार बनीं | इससे पहले चर्चिल ( कंजरवेटिव पार्टी ) की सरकार थी |
- Ø ब्रिटेन की संसद ने 16 जुलाई 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया |
- Ø इस अधिनियम के फलस्वरूप 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रजी दासता से मुक्त हो जायगा परन्तु.....
- Ø इस भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम की 8 वीं धारा ने पुन: संकट ग्रस्त कर दिया क्योकिं इस धारा के अनुसार “ ब्रिटिश सरकार की भारतीय देसी रियासतों पर स्थापित सत्ता समाप्त कर यह सर्वोचता देसी रियासतों को दे दी जायगी |” अर्थात देसी रियासते खुद निर्णय करेंगी कि वे पाकिस्तान में मिले या भारत में मिले या अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखे | यदि ऐसा होता तो आज भारत अनेक छोटे छोटे टुकडों में होता |
इस रियासत विभाग की अध्यक्षता – सरदार वल्लभ भाई पटेल
और सचिव – वी. पी. मेनन
कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
और सचिव – वी. पी. मेनन
कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
नीमराणा - अलवर में
कुशलगढ़ – बाँसवाड़ा में
लावा – टोंक में था |
रियासतों के बारें में कुछ विशेष जानकरी
एकीकरण के सात चरण
प्रधानमंत्री याद रखने की शोर्ट ट्रिक – शोभा गोकुलमणि हीरा ही हीरा मोहन करें
राज प्रमुख याद रखने की शोर्ट ट्रिक – उदय होकर भीभु मानें उद्घाटनकर्ता याद रखने की शोर्ट ट्रिक - NNPS
1. प्रथम चरण (मत्स्य संघ) :-
स्थापना- 18 मार्च 1948
राजधानी – अलवर
सम्मलित रियासतें -- (ABCD) अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर (नीमराणा ठिकाना)
उद्घाटनकर्ता – एन. वी. गाडगिल
प्रधानमंत्री – शोभाराम कुमावत (अलवर से)
राजप्रमुख – उदयभान सिंह (धौलपुर शासक)
नामकरण – के. एम्. मुंशी
2. दितीय चरण (पूर्व राजस्थान) :-
स्थापना – 25 मार्च 1948
राजधानी – कोटा
सम्मलित रियासतें – बूंदी लाडू कुकि को प्रशाद बांटो + झालावाड
उद्घाटनकर्ता – एन. वी. गाडगिल
प्रधानमंत्री – गोकुल लाल ओसवा (शाहपुरा)
राजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा)
उपराजप्रमुख – बहादुरसिंह (बूंदी)
3. तृतीय चरण (संयुक्त राजस्थान) :-
स्थापना – 18 अप्रैल 1948
राजधानी – उदयपुर
सम्मलित रियासतें – पूर्व राजस्थान + मेवाड़(उदयपुर)
उद्घाटनकर्ता – पं. जवाहर लाल नेहरु
प्रधानमंत्री – माणिक्यलाल वर्मा (उदयपुर)
राजप्रमुख – भूपाल सिंह (उदयपुर)
उपराजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा)
4. चतुर्थ चरण (वृहद राजस्थान) :-
स्थापना – 30 मार्च 1949 ( राजस्थान दिवस )
राजधानी – जयपुर
रियासतें – संयुक्त राजस्थान + JJJB
(जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर)
उद्घाटनकर्ता – सरदार वल्लभ भाई पटेल
प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
महाराजप्रमुख – भूपाल सिंह (उदयपुर)
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)
उपराजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा)
5. पंचम चरण (संयुक्त वृहद राजस्थान) :-
स्थापना – 15 मई 1949
राजधानी – जयपुर
सम्मलित रियासतें – वृहद राज. + मत्स्य संघ
(शंकरदेव राय समिति की सिफारिश से )
प्रधानमंत्री के पद को समाप्त कर मुख्यमंत्री पद का सृजन
प्रथम मुख्यमंत्री – हीरा लाल शास्त्री
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)
उद्घाटनकर्ता – सरदार वल्लभ भाई पटेल
प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
महाराजप्रमुख – भूपाल सिंह (उदयपुर)
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)
उपराजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा)
5. पंचम चरण (संयुक्त वृहद राजस्थान) :-
स्थापना – 15 मई 1949
राजधानी – जयपुर
सम्मलित रियासतें – वृहद राज. + मत्स्य संघ
(शंकरदेव राय समिति की सिफारिश से )
प्रधानमंत्री के पद को समाप्त कर मुख्यमंत्री पद का सृजन
प्रथम मुख्यमंत्री – हीरा लाल शास्त्री
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)
6.
षष्टम चरण (राजस्थान संघ) :-
स्थापना – 26 जनवरी 1950 (भारत का संविधान लागु)
राजधानी – जयपुर
सम्मलित रियासतें – संयुक्त वृहद राज. + सिरोही (आबू देलवाड़ा छोड़कर)
मुख्यमंत्री – हीरा लाल शास्त्री
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)
(राजस्थान का विधिवत नाम दिया गया)
स्थापना – 26 जनवरी 1950 (भारत का संविधान लागु)
राजधानी – जयपुर
सम्मलित रियासतें – संयुक्त वृहद राज. + सिरोही (आबू देलवाड़ा छोड़कर)
मुख्यमंत्री – हीरा लाल शास्त्री
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)
(राजस्थान का विधिवत नाम दिया गया)
7.
सप्तम चरण (आधुनिक राजस्थान) :-
स्थापना – 1 नवम्बर 1956
राजधानी – जयपुर
राजस्थान संघ में सिरोही का आबू देलवाड़ा भाग,
स्थापना – 1 नवम्बर 1956
राजधानी – जयपुर
राजस्थान संघ में सिरोही का आबू देलवाड़ा भाग,
अजमेर-मेरवाड़ा व मध्यप्रदेश का सुनेल टप्पा क्षेत्र
जोड़ा
गया व झालावाड़ का सिरोंज क्षेत्र मध्यप्रदेश को दे दिया |
मुख्यमंत्री – मोहन लाल सुखाडिया
राजप्रमुख की जगह राज्यपाल पद सृजित
प्रथम राज्यपाल – गुरुमुख निहालसिंह
सातवे सविधान संशोधन द्वारा राज्यों की श्रेणियाँ समाप्त
मुख्यमंत्री – मोहन लाल सुखाडिया
राजप्रमुख की जगह राज्यपाल पद सृजित
प्रथम राज्यपाल – गुरुमुख निहालसिंह
सातवे सविधान संशोधन द्वारा राज्यों की श्रेणियाँ समाप्त
महत्वपूर्ण तथ्य
Ø वर्तमान राजस्थान का स्वरूप 1 नवम्बर 1956 को अस्तित्व में आया |
Ø राजस्थान के गठन के पश्चात हीरा लाल शास्त्री राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री बने |
Ø राज्य की 160 सदस्य प्रथम विधान सभा का गठन 29 फरवरी 1952 को हुआ |
Ø टीकाराम पालीवाल राज्य के प्रथम निर्वाचित लोकतांत्रिक सरकार के मुख्यमंत्री बने |
Ø नरोतम लाल जोशी को विधानसभा का प्रथम अध्यक्ष चुना गया |
Ø अजमेर-मेरवाड़ा सी श्रेणी का राज्य था जिसकी अलग विधानसभा धार सभा थी तथा हरिभाऊ उपाध्याय वहाँ के मुख्यमंत्री थे |
Ø नवगठित राजस्थान में 25 जिले बनाए गये जिन्हें पाँच संभागो (जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर व कोटा) में विभाजित किया गया |
Ø 1 नवम्बर 1956 को फलज अली की अध्यक्षता में राज्य का पुनर्गठन किया गया और अजमेर-मेरवाड़ा क्षेत्र भी राजस्थान में मिला दिया गया |
Ø अजमेर राज्य का 26 वाँ जिला बना व जयपुर संभाग का नाम बदल कर अजमेर संभाग कर दिया गया |
Ø 1 नवम्बर 1956 को सरदार गुरुमुख निहालसिंह को राज्य का प्रथम राज्यपाल नियुक्त किया गया |
Ø अप्रेल 1962 में संभागीय व्यवस्था समाप्त कर दी गयी |
Ø 15 अप्रेल 1962 को धौलपुर राज्य का 27 वाँ जिला बनाया गया |
Ø 26 जनवरी 1987 को हरिदेव जोशी की सरकार ने राज्य को 6 संभागों जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर में बाँट कर संभागीय व्यस्था पुन: शुरू की |
Ø 10 अप्रेल 1991 को बारां, दौसा और राजसमंद जिले बनाए गये |
Ø 12 अप्रेल 1994 को हनुमानगढ़ 31वाँ जिला बना |
Ø 19 जुलाई 1997 को करौली 32वाँ जिला बना |
Ø 26 जनवरी 2008 को परमेशचंद कमेटी की सिफारिश पर प्रतापगढ़ 33वाँ जिला बना|
Ø राज्य के सातवें संभाग के रूप में भरतपुर संभाग के निर्माण के अधिसूचना 4 जून 2005 को जारी की गई जिसमे करौली व सवाईमाधोपुरम, कोटा संभाग से व भरतपुर व धौलपुर जयपुर संभाग से शामिल किये गये |