राजस्थान: वन्य जीव अभयारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान



राजस्थान बजट घोषणा 2013 के अन्तर्गत पक्षी अभ्यारण्य  स्थापित किया जायेगा - "बड़ोपल पक्षी अभ्यारण्य " - हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा तहसील के गांव बड़ोपल में। बड़ोपल गांव विदेशी पक्षियों की शरण स्थली के रूप में प्रसिद्ध है।

किस जिले में सर्वाधिक वन्य जीव अभयारण्य है - उदयपुर

किस जिले में सर्वाधिक आखेट निषिद्ध क्षेत्र है - जोधपुर

राजस्थान का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान - रणथंबौर राष्ट्रीय उद्यान (1 नवम्बर 1980)


राजस्थान का दूसरा राष्ट्रीय उद्यान - केवलादेव घना (1981)

विश्व धरोहर के रूप में घोषित अभयारण्य - केवलादेव घना पक्षी विहार (1985)

राजस्थान का पहला बाघ परियोजना क्षेत्र/टाईगर प्रोजेक्ट - रणथंभौर (1974)

राजस्थान का दूसरा बाघ परियोजना क्षेत्र/टाईगर प्रोजेक्ट - सरिस्का (1978)

➲ एशिया की सबसे बड़ी पक्षी प्रजनन स्थली - केवलादेव घना पक्षी विहार


राजस्थान के 2 राष्ट्रीय उद्यान - रणथंभौर व केवलादेव घना

राजस्थान के 2 बाघ परियोजना क्षेत्र/टाईगर प्रोजेक्ट - रणथंभौर व सरिस्का

राज्य पक्षी गोडावन के संरक्षण हेतु प्रसिद्ध दो आखेट निषिद्ध क्षेत्र - सोरसन (बारां), सोंखलिया (अजमेर)

सबसे बड़ा आखेट निषिद्ध क्षेत्र - संवत्सर-कोटसर (बीकानेर)

सबसे छोटा आखेट निषिद्ध क्षेत्र - सैथलसागर (दौसा)

साथीन व ढेंचू है - जोधपुर जिले में स्थित आखेट निषिद्ध क्षेत्र


आकल वुड फाॅसिल पार्क/आकल जीवाश्म क्षेत्र - जैसलमेर

अभयारण्य - स्थापना - क्षेत्रफल (वर्ग किमी)
सरिस्का - 7 नवंबर 1955 - 860
रणथंभौर - 1 नवंबर 1960 - 392
सीतामाता - 1979 - 423
राष्ट्रीय मरू उद्यान - 8 मई 1981 - 3162
केवलादेव घना पक्षी विहार/केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल है - 28.73 वर्ग किमी

सीतामाता अभयारण्य में पाई जाने वाली प्रमुख वृक्ष प्रजातियां - सागवान-बांस-महुआ


रणथंभौर को वर्ष 1974 में तथा सरिस्का को वर्ष 1978 में राष्ट्रीय बाघ परियोजना में शामिल किया गया / टाईगर रिजर्व घोषित किया गया।

टाईगर प्रोजेक्ट में शामिल भारत की सबसे छोटी बाघ परियोजना है - रणथंभौर

सीतामाता अभयारण्य किन दो जिलों में विस्तृत है - प्रतापगढ व उदयपुर

सीतामाता अभयारण्य का अधिकांश क्षेत्र प्रतापगढ जिले में आता है।

जलीय पक्षियों की प्रजनन स्थली के रूप में प्रसिद्ध अभयारण्य है - चंबल अभयारण्य

राजस्थान में वन्य जीवों के संरक्षण की शुरूआत कब हुई - 7 नवम्बर 1955 को


राजस्थान में सर्वप्रथम 7 नवम्बर 1955 को घोषित वन्य जीव आरक्षित क्षेत्र - वन विहार, सरिस्का व दर्रा

राजस्थान के कितने प्रतिशत क्षेत्र पर राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव अभयारण्य विस्तृत है - 2.67 प्रतिशत

वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 राजस्थान में कब लागू हुआ - 1973 को


भारत में बाघ परियोजना के जनक माने जाते है - कैलाश सांखला

वन्य जीवों की संख्या की दृष्टि से राजस्थान का देश में स्थान है - दूसरा

राज्य पशु चिंकारा (चैसिंगा) की सर्वाधिक संख्या - सीतामाता अभयारण्य

सागवान वनों की अधिकता - सीतामाता अभयारण्य

राज्य पक्षी गोडावन - राष्ट्रीय मरू उद्यान

उड़न गिलहरी - सीतामाता अभयारण्य

जंगली मुर्गे - मा. आबू अभयारण्य

आकल काष्ठ जीवाश्म पार्क - राष्ट्रीय मरू उद्यान

क्षेत्रफलानुसार सबसे बड़ा - राष्ट्रीय मरू उद्यान (3162 वर्ग किमी)

प्रथम जैविक पार्क -  नाहरगढ अभयारण्य

कृष्ण मृग एवं कुरजां पक्षी- तालछापर अभयारण्य

भारतीय बाघों का घर - रणथंभौर

सर्वाधिक वन्य जीव- रणथंभौर

मोर का सर्वाधिक घनत्व - सरिस्का

दुर्लभ औषधीय वन क्षेत्र - सीतामाता अभयारण्य

हरे कबूतर - सरिस्का

चंदन के वृक्ष - कुंभलगढ अभयारण्य

बटबड़ पक्षी/इंपिरीयल सेंट ग्राउज - गजनेर अभयारण्य

सांपों का संरक्षण स्थल - शेरगढ अभयारण्य

सर्वाधिक जैव विविधता - दर्रा वन्य जीव अभयारण्य

धोंकड़ा वन - दर्रा व रामगढ विषधारी

भेडि़या व जंगली धूसर मुर्गे - कुंभलगढ अभयारण्य

गागरोनी तोते - दर्रा वन्य जीव अभयारण्य

चीतल की मातृभूमि - सीतामाता अभयारण्य

खस नामक घास - जमुवा रामगढ अभयारण्य

मोथिया घास व लाना झाडि़यों हेतु प्रसिद्ध - तालछापर अभयारण्य

क्षेत्रफल की दृष्टि से राष्ट्रीय मरू उद्यान के बाद राजस्थन के तीन सबसे बड़े अभयारण्य (क्रमशः) - सरिस्का-कैलादेवी-कुंभलगढ

क्षेत्रफल की दृष्टि से दो सबसे छोटे अभयारण्य - तालछापर-सज्जनगढ

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय स्थापित किया गया है।

गंगानगर-हनुमानगढ-सीकर-झुंझुनू-डूंगरपुर-बांसवाड़ा-भीलवाड़ा आदि जिलों में कोई भी अभयारण्य या आखेट निषिद्ध क्षेत्र नहीं है।


रणथंभौर व सरिस्का के अलावा किस अभयारण्य में बाघ विचरण करते है - रामगढ विषधारी अभयारण्य बूंदी में

राजस्थान का सबसे पहला व सबसे प्राचीन जंतुआलय - जयपुर जंतुआलय (1876)

कौनसा जंतुआलय अपनी पक्षीशाला के लिए प्रसिद्ध है - जोधपुर

सर्वाधिक आखेट निषिद्ध क्षेत्र वाले दो जिले - जोधपुर-बीकानेर

कांटे वाली छिपकली किस आखेट निषिद्ध क्षेत्र में पाई जाती है - रामदेवरा

पश्चिमी राजस्थान में आने वाला प्रसिद्ध भ्रमणशील पक्षी है - कुरजां

इंपीरियल सैण्ड ग्राउज अर्थात बटबड़ पक्षी के लिए विश्व प्रसिद्ध स्थान है - गजनेर (बीकानेर)

राजस्थान का राज्य पक्षी गोड़ावन किन जिलों में पाया जाता है - अजमेर-जैसलमेर-बाड़मेर-बारां

रूस, यूके्रन व कजाकिस्तान (साइबेरियाई क्षेत्र) से आने वाले प्रवासी पक्षी कुरजा का राजस्थान में सबसे बड़ा शरण स्थल है - खींचन (फलोदी तहसील)    ।।- तालछापर (चुरू)

रणथंभौर को नवंबर 1980 में व केवलादेव घना को वर्ष 1981 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।

केवलादेव घना पक्षी विहार को वर्ष 1985 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।

राजस्थान में कुल 25 वन्य जीव अभयारण्य एवं 2 राष्ट्रीय उद्यान है।

25 वन्य जीव अभयारण्य -

01. राष्ट्रीय मरू उद्यान - जैसलमेर-बाड़मेर
02. अमृतादेवी वन्य जीव अभयारण्य व मृगवन - खेजड़ली, जोधपुर
03. कैलादेवी अभयारण्य - करौली
04. कुंभलगढ अभयारण्य - पाली-उदयपुर-राजसमंद
05. गजनेर अभयारण्य - बीकानेर
06. केसरबाग अभयारण्य - धौलपुर
07. जयसमंद वन्य जीव अभयारण्य - उदयपुर
08. चंबल अभयारण्य - कोटा
09. जमुवा रामगढ अभयारण्य - जयपुर
10. रावली-टाटगढ अभयारण्य - अजमेर-पाली
11. दर्रा अभयारण्य (मुकंदरा हिल्स अ.) - कोटा-झालावाड़
12. तालछापर अभयारण्य - चुरू
13. नाहरगढ अभयाण्य - जयपुर
14. मा. आबू अभयारण्य - सिरोही
15. फुलवाड़ी की नाल अभयारण्य - उदयपुर
16. भैंसरोड़गढ अभयारण्य - चितौड़गढ
17. रामगढ वन विहार -  भरतपुर-धौलपुर
18. रामगढ विषधारी अभयारण्य - बूंदी
19. वन विहार अभयारण्य - धौलपुर
20. सरिस्का अभयारण्य एंड टाईगर रिजर्व - अलवर
21. सीतामाता अभयारण्य - प्रतापगढ व उदयपुर
22. सज्जनगढ अभयारण्य - उदयपुर
23. शेरगढ अभयारण्य - बारां
24. सवाईमानसिंह अभयारण्य - सवाईमाधोपुर
25. गधों का अभयारण्य - डूंडलोद (झुंझुनू)
 2 राष्ट्रीय उद्यान  -
01. रणथंबौर राष्ट्रीय उद्यान - सवाईमाधोपुर
02. केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान - भरतपुर
राजस्थान में वर्तमान में 5 जंतुआलय है।

आखेट (शिकार) निषिद्ध क्षेत्र -

  • सोरसन - बारां
  • संवत्सर-कोटसर - बीकानेर
  • कुंवालजी - सवाईमाधोपुर
  • धवा डोली, गुढा विश्नोई, फीटकाशनी, ढेंचू, जंभेश्वरजी, साथीन , लोहावट - जोधपुर
  • मुकाम, देशनोक, जोड़बीर, बज्जू, दीयात्रा -  बीकानेर
  • सैथल सागर - दौसा
  • गंगवाना, तिलोरा - अजमेर
  • बर्डोद, जौड़िया - अलवर
  • बागीदोरा - उदयपुर
  • धोरीमन्ना - बाड़मेर
  • जरोदा, रोटू - नागौर
  • उज्जला, रामदेवरा - जैसलमेर
  • रानीपुर - टोंक
  • कनकसागर - बूंदी
  • मैनाल - चितौड़गढ
  • सांचैर - जालोर
  • जवाईबांध - पाली
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